रूस से S-400 मिसाइल डील के चलते भारत पर बैन लगा सकता है अमेरिका: डिप्लोमैट

रूस से S-400 मिसाइल डील के चलते अमेरिका भारत पर बैन लगा सकता है। अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू ने कहा कि बाइडेन प्रशासन यह देख रहा है कि काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए भारत पर पाबंदी लगाई जाय या नहीं।

रूस से S-400 मिसाइल डील के चलते भारत पर बैन लगा सकता है अमेरिका: डिप्लोमैट

रूस से S-400 मिसाइल डील के चलते अमेरिका भारत पर बैन लगा सकता है। अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू ने कहा कि बाइडेन प्रशासन यह देख रहा है कि काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली की खरीद के लिए भारत पर पाबंदी लगाई जाय या नहीं।

लू की यह टिप्पणी तब आई है जब रूस के आक्रमण को फटकार लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में मतदान से भारत दूर रहा। इसे लेकर 'भारत के साथ अमेरिकी संबंधों' पर सुनवाई के दौरान रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों अमेरिकी सांसदों की आलोचना की है। लू ने कहा कि बाइडेन प्रशासन ने अभी भारत पर CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाने पर फैसला नहीं किया है। उन्होंने कहा, "मैं जो कह सकता हूं वह यह है कि भारत अब वास्तव में हमारा एक अहम सुरक्षा भागीदार है और हम उस साझेदारी को आगे बढ़ाना चाहते हैं।"

भारत ने रूसी मिग-29 लड़ाकू विमानों के ऑर्डर रद्द किए:

भारत 2016 के बाद से रूसी हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा है। लू ने सन पैनल को बताया कि भारत ने हाल ही में रूसी मिग-29 लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों और टैंक-रोधी हथियारों के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। उन्होंने अनुमान लगाया कि नए प्रतिबंध अन्य देशों को इसके लिए प्रेरित करेंगे कि ऐसा ही किया जाए। उन्होंने सांसदों से कहा कि यह संभावना नहीं है कि रूस मौजूदा सिस्टम के लिए नई बिक्री करने या ग्राहकों को रखरखाव मुहैया कराने में सक्षम होगा।

'रूस से हथियार खरीदना किसी के लिए भी मुश्किल होगा':

लू ने कहा, "मेरा मानना है कि आने वाले महीनों और वर्षों में मॉस्को से प्रमुख हथियार प्रणालियों को खरीदना किसी के लिए भी बहुत कठिन होगा, क्योंकि प्रशासन ने कांग्रेस के समर्थन से व्यापक वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं... मुझे लगता है कि भारत उन देशों में से एक है जो इसके बारे में चिंतित हैं।"