व्लादिमीर पुतिन के वो कौन हैं करीबी लोग, जिनके कहने पर होते हैं यूक्रेन पर हमले जैसे फैसले

रूस ने यूक्रेन पर पिछले सात दिनों से हमला किया हुआ है। मॉस्को ने खारकीव और राजधानी कीव सहित कई बड़े शहरों पर हमला तेज कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद इस पूरे युद्ध को मॉनिटर कर रहे हैं। कमांडर इन चीफ के रूप में अंतिम फैसला उन्हीं का होता है। ऐसे में उनके सर्किल में कौन से लोग हैं जो पूरे युद्ध को अंजाम दे रहे हैं, आइए जानते हैं।

व्लादिमीर पुतिन के वो कौन हैं करीबी लोग, जिनके कहने पर होते हैं यूक्रेन पर हमले जैसे फैसले

रूस ने यूक्रेन पर पिछले सात दिनों से हमला किया हुआ है। मॉस्को ने खारकीव और राजधानी कीव सहित कई बड़े शहरों पर हमला तेज कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन खुद इस पूरे युद्ध को मॉनिटर कर रहे हैं। कमांडर इन चीफ के रूप में अंतिम फैसला उन्हीं का होता है। ऐसे में उनके सर्किल में कौन से लोग हैं जो पूरे युद्ध को अंजाम दे रहे हैं, आइए जानते हैं।

सबसे पहला नाम सेर्गेई शोइगू

सेर्गेई शोइगू रूस के रक्षामंत्री हैं। वह लंबे वक्त से पुतिन के विश्वासपात्र हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट बताती है कि शोइगू, पुतिन के साथ साइबेरिया में मछली पकड़ने और शिकार करने को जाते रहे हैं। ये दोनों की बॉन्डिंग को दर्शाता है। रूसी सुरक्षा विशेषज्ञ आंद्रेई सोलातोव का मानना ​​​​है कि रक्षामंत्री अभी भी सबसे प्रभावशाली आवाज हैं जिसे राष्ट्रपति सुनते हैं।

2014 में क्रीमिया पर सैन्य कब्जे का श्रेय शोइगू के नाम ही है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि वह कीव पर कब्जा करने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। शोइगू रूसी खुफिया एजेंसी जीआरयू के प्रभारी रह चुके हैं। कार्यकाल के दौरान उनपर विपक्षी नेता एलेक्सी पर घातक जहर से हमला करवाने आदि का आरोप है।

वलेरी गेरासिमोव

वलेरी गेरासिमोव रूसी सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ हैं। उनका काम यूक्रेन पर तेजी से आक्रमण करना था और रिपोर्ट्स के मुताबिक अब तक वह अपने प्लान में बहुत कामयाब होते नहीं दिखे हैं। 1999 के चेचन युद्ध में सेना की कमान संभालने के बाद से उन्होंने पुतिन के सैन्य अभियानों में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

यूक्रेन के लिए सैन्य योजना बनाने में गेरासिमोव सबसे आगे रहे हैं। बेलारूस के साथ सैन्य अभ्यास भी गेरासिमोव के देखरेख में ही हुआ था। रूसी मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि सैनिकों के बीच खराब मनोबल सहित कई कारणों से उन्हें साइडलाइन कर दिया गया है।

आंद्रेई सोलातोव का मानना है कि गेरासिमोव खुद हर सड़क और बटालियन को कंट्रोल नहीं कर सकते हैं। वह सालों से सेना में टॉप पोस्ट पर बने हुए हैं। ऐसे में उन्हें अगर साइडलाइन किया भी गया है तो ऐसा बहुत लंबे वक्त के लिए नहीं किया जा सकता।

निकोलाई पत्रुशेव

पत्रुशेव रूसी सुरक्षा परिषद के सेक्रेटरी हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पत्रुशेव बेहद कट्टर हैं और वह सालों से पश्चिमी देशों को रूस के बॉर्डर दूर रखने के हिमायती हैं। बीबीसी की रिपोर्ट मुताबिक वह पुतिन के उन गिने-चुने वफादारों में से हैं जो 1970 के दशक से सेंट पीटर्सबर्ग में उनकी लगातार मदद की है। अन्य दो दिग्गज सुरक्षा सेवा प्रमुख अलेक्जेंडर बोर्तनिकोव और विदेशी खुफिया प्रमुख सर्गेई नारिश्किन हैं। ये सभी पुतिन के इनर सर्कल में हैं।

अलेक्संदर बोरतनिकोव

बोरतनिकोव फेडरल सिक्यूरिटी सर्विस के डायरेक्टर हैं। क्रेमलिन पर नजर रखने वाले लोग बताते हैं कि राष्ट्रपति पुतिन किसी भी अन्य सोर्स के अधिक बोरतनिकोव से मिली जानकारियों पर भरोसा करते हैं। 

सेर्गेई नरयश्किन

नरयश्किन फॉरेन इंटेलिजेंस सर्विस के डायरेक्टर हैं। नरयश्किन के करियर का अधिकतर हिस्सा पुतिन के साथ काम करते हुए बीता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि वह स्थितियों का आकलन करने में सबसे माहिर हैं।

सेर्गेई लावरोव

पिछले 18 सालों से लावरोव रूस के सबसे बड़े राजनयिक रहे हैं। 71 साल के लावरोव पर पुतिन बहुत भरोसा करते हैं। उन्हें बेहद चतुर ऑपरेटर माना जाता है। रिपोर्ट्स बताती हैं पुतिन खुद लावरोव की बातों को अनदेखा नहीं करते हैं। हालंकि यूक्रेन मसले को लेकर वह युद्ध से पहले बहुत एक्टिव नहीं दिखे लेकिन युद्ध से ठीक पहले से दुनिया के सामने रूस की ओर से सबसे बड़ा चेहरा हैं।

वलेंतिना मातवियनको

पुतिन की अंदरूनी टीम की एकमात्र महिला सदस्य। मातवियनको ने विदेशों में रूसी सेना की तैनाती पर रबर स्टैंप के लिए ऊपरी सदन के वोट की देखरेख की, जिससे यूक्रेन पर आक्रमण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मातवियनको ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने के दौरान भी पुतिन की मदद की थी। हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वह खुद बड़े फैसले नहीं लेती हैं लेकिन वह पुतिन के हर फैसले के साथ कड़ी रहती हैं।

विक्टर जोलोतोव

कभी पुतिन के बॉडीगार्ड रहे जोलोतोव रूसी नेशनल गार्ड के डायरेक्टर हैं। इस बात से पुतिन को लेकर जोलोतोव की वफादारी साबित हो जाती है। रिपोर्ट्स बताती हैं कि विक्टर जोलोतोव के पास कोई सैन्य प्रशिक्षण नहीं है।

इस सबके अलावा पुतिन और किसकी सुनते हैं?

पीएम मिखाइल मिशुस्तीन, मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन, रोसनेफ्ट राज्य के तेल दिग्गज इगोर सेचिन, अरबपति भाई बोरिस और अर्कडी रोटेनबर्ग आदि पुतिन के भरोसेमंद साथी हैं, जिनकी बातों पर वह ध्यान देते हैं।