वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कारोबारियों को क्या दी राहत?
जीएसटी परिषद की बैठक में वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि को दो महीने तक बढ़ा कर 30 अगस्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही 1 जनवरी 2020 से केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म भरने की सुविधा शुरू किए जाने का भी ऐलान किया गया। मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट को अनिवार्य करने के साथ ही जीएसटी-नेटवर्क पर पंजीकरण करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई जीएसटी परिषद की 35वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बैठक में कारोबारियों के साथ-साथ आम जनता को भी बड़ी राहत दी गई है। अब कोई भी नया कारोबारी आधार के जरिए अपना जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कर सकेगा।
जीएसटी परिषद की बैठक में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तिथि को दो महीने तक बढ़ा कर 30 अगस्त करने का निर्णय लिया गया। साथ ही 1 जनवरी 2020 से केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म (वन-फॉर्म न्यू जीएसटी रिटर्न फाइलिंग सिस्टम) भरने की सुविधा शुरू किए जाने का भी ऐलान किया गया। मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट को अनिवार्य करने के साथ ही जीएसटी परिषद ने जीएसटी-नेटवर्क पर पंजीकरण करने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया गया है।
ऐसे होगा रजिस्ट्रेशन
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि कारोबारी ऑनलाइन आधार नंबर के जरिए आवेदन कर सकेंगे। इसके लिए उनके पास ओटीपी आएगा और बाद में जीएसटीएन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन होने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा। इसके साथ ही पहले ही सरकार जीएसटी रजिस्ट्रेशन की सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर चुकी है।
जीएसटी परिषद के महत्वपूर्ण फैसले
जीएसटी परिषद की बैठक में जो अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए गए उनमें ई-चालान प्रस्ताव को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी मिलना,राज्य और क्षेत्र आधारित जीएसटी अपीलीय प्राधिकरणों का गठन करना, राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का कार्यकाल और दो साल के लिए बढ़ाना और जीएसटी दर में कटौती के लाभ को उपभोक्ताओं तक न पहुंचाने पर 10 फीसदी का जुर्माना लगाना शामिल है।
अब 30 अगस्त तक एनुअल रिटर्न
काउंसिल ने कारोबारियों को राहत देते हुए वार्षिक रिटर्न फाइल करने की अतिंम तारीख को बढ़ा दिया है। अब सभी कारोबारी 30 अगस्त, 2019 तक अपना रिटर्न फाइल कर सकेंगे। इसके साथ ही काउंसिल ने नेशनल एंटी प्रॉफिट अथॉरिटी का कार्यकाल दो सालों के लिए और बढ़ाने का फैसला किया है। वहीं देश के 26 राज्यों में जीएसटी ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा।
GST की दर घटी
इन सबके अलावा किसी कारोबारी के दो महीनों तक रिटर्न दाखिल न करने पर अब उसे ई-वे बिल जनरेट करने की सुविधा नहीं मिलेगी। साथ ही विद्युत वाहनों पर जीएसटी की मौजूदा 12% दर को घटा कर 5% और इलेक्ट्रिक चार्जर पर 18% से कम कर के 12% किये जाने के प्रस्ताव को निर्धारण समिति के पास भेजा गया है।
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