सुशासन बाबू! आखिर क्यों जूते पॉलिस करने को मजबूर हुए छात्र ?

बिहार में सुशासन और प्रशासन से आस छूट जाने पर अब छात्रों ने मासूमों की मदद का बीड़ा उठाया है। पटना में जन अधिकार छात्र परिषद के सदस्य छात्रों ने चमकी से पीड़ित बच्चों की मदद करने के लिए पैसे इकट्ठे करने का एक बेहद ही अनोखा तरीका निकाला है।

सुशासन बाबू! आखिर क्यों जूते पॉलिस करने को मजबूर हुए छात्र ?
Pic of Shoes Police In Patna By Students
सुशासन बाबू! आखिर क्यों जूते पॉलिस करने को मजबूर हुए छात्र ?

बिहार के मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के जिलों में चमकी बुखार का कहर जारी है। इस बामारी से फिलहाल राहत मिलते नहीं दिख रही है। चमकी ने अबतक 151 से अधिक मासूमों की जान ले ली है। मुद्दा संसद में भी गूंजा। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से लेकर राज्य के कई मंत्रियो और केंद्रीय मंत्री ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया। अस्पतालों में इलाजरत बच्चों और उनके परिजनों से मिले। बावजूद इसके हालातों में कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है और बच्चों की मौतों का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।

अस्पतालों से प्रतिदिन दिल दहला देने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। पीड़ित माता-पिता अपने बच्चों की हालत पर बेबस हैं। उनकी आंखों से आंसू सूखते ही नहीं है। चारों तरफ चितकार है। रोते-बिलखते परिजन हैं। इन्हें देख कलेजा बाहर को आ जाता है। पर राज्य सरकार और प्रशासन की ओर से अभी भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

शासन और प्रशासन से आस छूट जाने पर अब छात्रों ने मासूमों की मदद का बीड़ा उठाया है। पटना में जन अधिकार छात्र परिषद के सदस्य छात्रों ने चमकी से पीड़ित बच्चों की मदद करने के लिए पैसे इकट्ठे करने का एक बेहद ही अनोखा तरीका निकाला है। बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर बैठकर लोगों के जूते पॉलिश कर पैसे इकट्ठा कर रहे हैं। ताकि पैसों से उन बच्चों के इलाज में उनकी मदद की जा सके।

छात्र परिषद के एक सदस्य ने बताया कि योगा डे सेलिब्रेशन पर देश में करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए गए, लेकिन चमकी बीमारी से मर रहे बच्चों के इलाज में मदद के लिए कोई गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है। लिहाजा, हम मदद को आगे आए हैं। जूते पॉलिस कर, पैसे जमा कर उन बच्चों की इलाज के लिए दे रहे हैं।