क्या पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-टीएमसी साथ मिलकर देंगे बीजेपी को चुनौती?
कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस के साथ अनौपचारिक बातचीत करनी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों गठबंधन के लिए राजी हो सकते हैं,जिससे बीजेपी के विजय रथ को रोका जा सके। पिछले हफ्ते बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने टीएमसी के लोकसभा चीफ व्हिप कल्याण बनर्जी से लगभग आधे घंटे तक बातचीत की थी।
भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और वामदलों के साथ तमाम राजनीतिक पार्टियां पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट गई हैं। गठबंधन बनाने के लिए बातचीत का सिलसिला भी शुरु हो चुका है। कांग्रेस ने तृणमूल कांग्रेस के साथ अनौपचारिक बातचीत करनी शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले दोनों गठबंधन के लिए राजी हो सकते हैं,जिससे बीजेपी के विजय रथ को रोका जा सके। पिछले हफ्ते बजट सत्र के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने टीएमसी के लोकसभा चीफ व्हिप कल्याण बनर्जी से लगभग आधे घंटे तक बातचीत की थी।
इस बातचीत में राहुल गांधी ने कल्याण बनर्जी से पूछा था कि वह राज्य में किसे अपना दुश्मन मानते हैं। उन्होंने राज्य में दोनों पार्टियों के समन्वय को बढ़ाने की भी बात कही। आखिरी निर्णय पार्टी के शीर्ष नेतृत्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लेना है। राहुल गांधी और ममता बनर्जी के बीच औपचारिक बातचीत तब हुई जब टीएमसी सांसद सुदीप बंधोपाध्याय और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने इसी मुद्दे पर पहले बात की थी।
कांग्रेस और टीएमसी के बीच 2009 के लोकसभा चुनाव के दौरान गठबंधन तब हुआ था,जब सीपीआईएम पार्टियों ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते को लेकर अपना समर्थन वापस ले लिया था। पार्टियों ने 2011 का विधानसभा चुनाव भी साथ लड़ा था। लेकिन 2013 में कुछ मसलों को लेकर वह अलग हो गए थे। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी से कहा है कि उसे बंगाल में अपनी रणनीति को लेकर दोबारा सोचना चाहिए।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल देश का तीसरा सबसे ज्यादा सीटों वाला राज्य है। यह लोकसभा में 42 प्रतिनिधियों को भेजता है। लोकसभा चुनाव के दौरान तृणमूल को राज्य का 43.3 प्रतिशत वोट मिला। वहीं बीजेपी के हिस्से में लगभग 40.3 प्रतिशत वोट आए। वहीं सीपीआई का हिस्सा घटकर 6.3 और कांग्रेस का 5.6 प्रतिशत रह गया।
यदि बात सीटों की करें तो टीएमसी को 2019 के लोकसभा चुनाव में 22 सीटें मिलीं जबकि 2014 में यह संख्या 34 थी। वहीं बीजेपी को 2014 में जहां दो सीटे मिली थीं,वहीं 2019 में उसने यहां से 18 सांसदों को लोकसभा भेजा है। वामदल राज्य में अपना खाता तक नहीं खोल सके जबकि कांग्रेस के हिस्से में दो सीटें आईं।
ममता बनर्जी के दो करीबी नेताओं के अनुसार मुख्यमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और आनंद शर्मा के साथ बातचीत का रास्ता खुला रखा है। गांधी के साथ अपनी बैठक को लेकर कल्याण बनर्जी ने कहा, 'मैंने उनसे कहा कि कांग्रेस की तरह हम भी बीजेपी को मुख्य दुश्मन मानते हैं। लेकिन मैंने उनसे कहा कि जहां वे सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। वहीं कांग्रेस के लोकसभा नेता अधीर रंजन चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष सोमेन मित्रा सहित कई अन्य नेता तृणमूल के विरुद्ध हैं।'
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