महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर, बीजेपी-एनसीपी की बनी सरकार, देवेंद्र फडणनीस मुख्यमंत्री और अजित पवार बने उपमुख्यमंत्री, संजय राउत हुए आगबबूला
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को शपथ दिलवाने से पहले 12 नवंबर को महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन हटाया गया। राष्ट्रपति शासन शनिवार को सुबह 5 बजकक 47 मिनट पर हटाया और फिर सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलवाई गई। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की घोषणा की। इस आशय का राज-पत्र केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर जारी किया।
महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एक के बाद एक बैठकें करते रहे, सरकार बनाने का फॉर्मूला तय करते रहे और बीजेपी ने बड़ा दाव खेल दिया। बीजेपी के दाव से न सिर्फ शिवसेना, बल्कि कांग्रेस और एनसीपी भी चारो खाने चित्त हो गई। बीजेपी ने महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर कर दिया। बीजेपी विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलवाई। राज्यपाल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। अब सीएम देवेंद्र फडणवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना है। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगल सिंह कोशियारी का दो दिन शनिवार और रविवार को दो दिवसीय दिल्ली दौरा था और उन्होंने ऐन मौके पर कार्यक्रम रद्द कर शनिवार सुबह शपथ ग्रहण करा दिया।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को शपथ दिलवाने से पहले 12 नवंबर को महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन हटाया गया। राष्ट्रपति शासन शनिवार को सुबह 5 बजकक 47 मिनट पर हटाया और फिर सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ दिलवाई गई। गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति शासन को समाप्त करने की घोषणा की। इस आशय का राज-पत्र केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने सुबह पांच बजकर 47 मिनट पर जारी किया।
महाराष्ट्र में सरकार गठन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुशी का इजहार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को ट्वीट कर बधाई दी। प्रधानमंत्री ने कहा, “फडणवीस जी को मुख्यमंत्री और अजित पवार जी को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने की बधाई। मुझे विश्वास है कि दोनों महाराष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य के लिए परिश्रम और लगन से काम करेंगे।” प्रधानमंत्री ने ने भरोसा जताया कि ये दोनों नेता महाराष्ट्र के विकास के लिए काम करेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उपमुख्यमंत्री बनने पर दी बधाई। अमित शाद ने कहा कि मुझे विश्वास है कि यह सरकार महाराष्ट्र के विकास और कल्याण के प्रति निरंतर कटिबद्ध रहेगी और प्रदेश में प्रगति के नये मापदंड स्थापित करेगी। जेपी नड्डा ने कहा,” फडणवीस और अजीत पवार को बहुत बहुत बधाई। अब महाराष्ट्र का तीव्र गति से विकास होगा। यह परिपक्व लोकतंत्र की निशानी है। फडणवीस के नेतृत्व में स्थायी सरकार बनी है।
मुख्यमंत्री पद दी शपथ लेने के बाद देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘हमारे नेता नरेंद्र मोदी जी और अमित शाह जी का बहुत आभार। उन्होंने फिर एक बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे सेवा करने का मौका दिया। महाराष्ट्र की जनता ने एक स्पष्ट जनादेश दिया था। शिवसेना ने हमारे साथ गठबंधन करने के बजाय दूसरी जगह गठबंधन करने का फैसला किया। शिवसेना की वजह से ऐसी नौबत आई। महाराष्ट्र जैसे अगड़े राज्य को यह शोभा नहीं देता कि यहां ज्यादा दिन राष्ट्रपति शासन लगा रहे। यहां ऐसी कोई सरकार बननी भी नहीं चाहिए जो ज्यादा दिन चल न सके।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “मैं अजित पवार जी का शुक्रिया करना चाहूंगा कि वे हमारे साथ आए। इसलिए हमने राज्यपाल जी को दावा पेश किया। राज्यपाल जी ने राष्ट्रपति जी से चर्चा की कि शासन हटाने की अनुशंसा की जाए। इसलिए राज्यपाल जी ने हमें शपथ के लिए बुलाया।’’ अजित पवार ने कहा कि हम किसानों की समस्या हल करने के लिए साथ आए हैं।
महाराष्ट्र में हुई इस सियासी उलटफेर से शिवसेना खुद को ठगा महसूस कर रही है। और यह बहुत हद जत लाजमी भी है। जो एनसीपी पिछले लंबे समय से शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद कर रही थी, वही अब शिवसेना से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली है। लिहाजा, शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि राजभवन की शक्तियों का दुरुपयोग हुआ है।
संजय राउत ने कहा कि अजीत पवार के इस फैसले के बारे में शरद पवार को कोई जानकारी नहीं थी। अजीत पवार ने शरद पवार को धोखा दिया है। रात के अंधेरे में ये पापा किया है। अजीत पवार ने चोरी की है। कल 9 बजे तक अजित पवार हमारे साथ बैठे थे, अचानक से गायब हो गए बाद में। वो नजर से नजर नहीं मिलाकर बोल रहे थे। जो व्यक्ति पाप करने जाता है उसकी नजर जैसे झुकती है, वैसे झुकी नजरों से बात कर रहे थे।
संजय राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे जी और शरद पवार जी संपर्क में हैं और आज भी मिलेंगे। वह संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित कर सकते हैं। पर सच तो यह है कि अजीत पवार और उनके साथ गए विधायकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज और महाराष्ट्र का अपमान किया है। अजित पवार ने महाराष्ट्र के लोगों के पीठ में छुरा घोंपा है।
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि शिवसेना ने 2.5- 2.5 साल की बात को लेकर बीजेपी के साथ कभी भी बैठक नहीं की। उनके पास कांग्रेस-एनसीपी के साथ बैठने के लिए समय था। शिवसेना हिंदुत्व छोड़ने के लिए तैयार है, शिव को छोड़ने के लिए तैयार है।
कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने कहा कि ये बुहत चौंकाने वाली खबर है। नहीं समझ आ रहा कि एनसीपी ने ये यूटर्न क्यों लिया? बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि शिवसेना के चाणाक्य के ट्वीट का इंतजार है। नीतीश कुमार की तरह शरद पवार भी जानते हैं कि शिवसेना आरजेडी की तरह है। ऐसी पार्टियों के साथ काम करना बहुत मुश्किल है। देवेन्द्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ लेने की बधाई।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री की बात पर बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में दरार पड़ गई। इसके बाद कई दौर की बातचीत के बाद शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस में सरकार बनाने को लेकर सहमति बनती दिखी।
शुक्रवार रात एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने साफ कर दिया था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व पर सहमति बन गई है। कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि बातचीत में कई मुद्दे सुलझा लिए हैं,लेकिन अभी कुछ मसलों पर बातचीत चल रही है। पर शुक्रवार को जो बात तीनों दलों के बीच हुई थी वो धरी की धरी रह गई और बीजेपी ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना लिया।
बताया जा रहा है कि अजित पवार 30 विधायकों के साथ अलग हो गए हैं और नई पार्टी बना ली है। इस पूरी घटनाक्रम पर शरद पवार ने ट्वीट किया और कहा कि अजित ने जो किया, वह एनसीपी का फैसला नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि एनसीपी के कुछ बड़े नेता बीजेपी में शामिल हुए थे। उनकी ओर से ही इस घटनाक्रम में बड़ी भूमिका बताई जा रही है।
ज्ञात हो कि शुक्रवार रात में एनसीपी की बैठक में अजित पवार मौजूद नहीं थे। उसी दौरान बीजेपी के साथ उनकी बातचीत आगे बढ़ी। दरअसल,शिवसेना 5 साल का मुख्यमंत्री चाहती थी। अजित पवार की मुख्य आपत्ति यह थी कि शिवसेना को पूरे 5 साल का मुख्यमंत्री क्यों दिया जाए, जबकि हमारे यानी एनसीपी के पास भी बराबरी की सीटें हैं।
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