अंतरराज्यीय गिरोह ऑक्सीजन दवा की कर रहा कालाबाजारी, कनार्टक में भी ट्रांसफर हुआ था पैसा

अंतरराज्यीय गिरोह ऑक्सीजन दवा की कर रहा कालाबाजारी, कनार्टक में भी ट्रांसफर हुआ था पैसा

ऑक्सीजन सिलेंडर और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में अंतरराज्यीय गिरोह काम कर रहा है। मामले में दिल्ली पुलिस घोघा के पक्कीसराय की रहने वाली महिला सरिता देवी को ट्रांजिट रिमांड पर ले गयी। महिला को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया। दिल्ली पुलिस ने 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड देने का आग्रह किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर रिमांड दे दिया। 

जांच में यह भी पता चला है कि कालाबाजारी के पैसे कर्नाटक स्थित किसी शहर के बैंक खाते में ट्रांसफर किया गया। वहां से फिर महिला सरिता देवी और अन्य के खाते में भेजा गया। कोर्ट में महिला को साथ लेकर पहुंचे दिल्ली के द्वारका स्थित साइबर क्राइम यूनिट के स्पेशल सेल के एसआई करमवीर ने बताया कि इस कालाबाजारी रैकेट में 15 से 20 लोग हो सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि सरिता देवी और उसके परिजनों के बैंक खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये गये।

दिल्ली पुलिस ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी मामले की जांच शुरू की तो पला चला कि घोघा की सरिता देवी के खाते में 90 लाख, उसकी बहन पिंकी देवी के खाते में 44 लाख और उसके परिवार के तीन अन्य सदस्यों के नाम से खुले खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। जांच में यह भी पता चला कि खाते में आये पैसे एटीएम से निकाले भी जा रहे थे। पटना स्थित एटीएम से पैसे निकाले जाने की बात सामने आ चुकी है। इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों की तलाश भी पुलिस कर रही है। 

गिरफ्तार किये जाने के बाद कोर्ट लाई गयी घोघा पक्की सराय की सरिता देवी ने बताया कि उसके पांच बच्चे हैं और उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वह मजदूरी करती है। उसने बताया कि उसके भाई राहुल के दोस्त अमित रोशन ने उसे बताया कि वह कुछ काम करता है, जिसके लिए बैंक खातों की जरूरत है। अमित ने महिला को प्रलोभन दिया कि बैंक खाता का पासबुक और एटीएम कार्ड उसे दे देगी तो हर महीने उसे एक हजार रुपये देगा। महिला का कहना है कि खाता खुलवाकर अमित ने अपने पास रख लिया। 

पैसे देने पर भी नहीं मिला था ऑक्सीजन, मरीज की मौत
दिल्ली के रोहिणी के रहने वाले पुलिस को इस रैकेट को लेकर शिकायत की थी। विनोद ने दिल्ली पुलिस को बताया था कि उसकी पत्नी की हालत नाजुक थी। उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी जो नहीं मिल रहा था। ऐसे में उसने 30 अप्रैल को सोशल मीडिया से एक नंबर निकाला, जिसके हवाले से तुरंत ऑक्सीजन उपलब्ध कराने का दावा किया गया था। विनोद का कहना है कि उसने उस नंबर पर संपर्क किया तो किसी स्वयंप्रकाश नाम के व्यक्ति से उसकी बात हुई। उसने ऑक्सीजन सिलेंडर तीन घंटे के अंदर उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया पर उसके लिए 25 हजार रुपये एडवांस मांगे। विनोद ने जैसे ही पैसे दिए उस व्यक्ति का नंबर स्विच ऑफ बताने लगा। ऑक्सीजन नहीं मिलने से विनोद की पत्नी की मौत हो गयी। 

ऑक्सीजन की कालाबाजारी का बहुत बड़ा रैकेट है। महिला सरिता देवी, उसकी बहन और उसके तीन अन्य परिजनों के खाते में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किये गये हैं। पटना के एटीएम से पैसे भी निकाले जा रहे हैं। गहन पूछताछ जारी है। अन्य शामिल अपराधियों को भी पकड़ा जायेगा। 
- करमवीर, एसआई, साइबर क्राइम यूनिट, स्पेशल सेल द्वारका