CAA विरोध : केरल के बाद अब तमिलनाडु में DMK और पंजाब में AAP विधायकों ने की प्रस्ताव पारित करने की मांग,बीजेपी ने किया विरोध

आम लोगों के साथ-साथ कुछ राज्य सरकारें भी संशोधित नागरिकता कानून की खिलाफत कर रही है। केरल विधानसभा पहले ही इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर इसे वापस लेने की मांग की है और अब उसी राह पर चलते हुए तमिलनाडु और पंजाब के विधायकों ने भी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की अपील की है।

CAA विरोध : केरल के बाद अब तमिलनाडु में DMK और पंजाब में AAP विधायकों ने की प्रस्ताव पारित करने की मांग,बीजेपी ने किया विरोध
GFX on CAA (Citizenship Amendment Act )
CAA विरोध : केरल के बाद अब तमिलनाडु में DMK और पंजाब में AAP विधायकों ने की प्रस्ताव पारित करने की मांग,बीजेपी ने किया विरोध
CAA विरोध : केरल के बाद अब तमिलनाडु में DMK और पंजाब में AAP विधायकों ने की प्रस्ताव पारित करने की मांग,बीजेपी ने किया विरोध

देशभर में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध जारी है। आम लोगों के साथ-साथ कुछ राज्य सरकारें भी संशोधित नागरिकता कानून की खिलाफत कर रही है। केरल विधानसभा पहले ही इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर इसे वापस लेने की मांग की है और अब उसी राह पर चलते हुए तमिलनाडु और पंजाब के विधायकों ने भी विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने की अपील की है।

तमिलनाडु में डीएमके के विधायकों ने विधानसभा सचिव के. श्रीनिवासन को एक पत्र सौंपा है। पत्र के माध्यम से विधायकों ने विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्ताव लाने की मांग की है। यहां विधानसभा सत्र 6 जनवरी से शुरू हो रहा है।

डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन ने इस कदम का स्वागत करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ईपी पलानीसामी से संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पर समर्थन देने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अपनी गलती को सुधारना चाहिए और इस कानून का विरोध करना चाहिए।

पंजाब में भी आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास करने की मांग की है। आप विधायक और नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए,साथ ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला करना चाहिए, जिससे कि केरल विधानसभा द्वारा किए गए सीएए के खिलाफ प्रस्ताव को अपनाया जा सके। 

चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन विवादास्पद कानूनों को लागू किया,जिनका उद्देश्य देश को विभाजित करना और विविध समुदायों के बीच कटुता फैलाना है। जल्द ही आप विधायकों का दल विधानसभा अध्यक्ष राणा के.पी. सिंह से मुलाकात करेगा।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य सरकारों के फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा, कुछ राज्य सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर रहे हैं। नागरिकता केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाला विषय है और यह कानून केंद्र ने पारित किया है जिस पर राष्ट्रपति ने दस्तखत किए हैं। इसे लागू किया गया है और लाभार्थियों को नागरिकता मिलेगी। आपको लोगों को गुमराह करना बंद देना चाहिए।

जेपी नड्डा ने कहा, '' आप कांग्रेस को तथ्य बता सकते हैं। लेकिन वह सच्चाई को समझने की स्थिति में नहीं है। हम केवल तभी उसकी व्याख्या कर सकते हैं जब वह उसे समझे,लेकिन यदि तेज होने के बाद भी वह समझना नहीं चाहती है,तो हम कुछ नहीं कर सकते।

उन्होंने कहा, '' मैं कांग्रेस से पूछना चाहूंगा कि क्यों उसके नेता सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की निंदा नहीं करते,जबकि उस हिंसा में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। सभी की मिलीभगत है।

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भी राज्य सरकार की ओर से सीएए के खिलाफ पारित प्रस्ताव को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा कि नागरिकता का विषय केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। राज्य सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है। ये लोग उन चीजों में क्यों उलझे हैं, जो कि केरल का मुद्दा है ही नहीं? केरल विभाजन से प्रभावित नहीं था और यहां कोई गैरकानूनी शरणार्थी नहीं है।