केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, फसलों के समर्थन मूल्य में की बढ़ोत्तरी, करोड़ों किसान होंगे लाभान्वित
कैबिनेट में गेहूं के एमएसपी में 85 रुपये और बाजरा के एमएसपी में 85 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला ले लिया है। कैबिनेट के फैसले के बाद गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये से बढ़कर 1,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने से सरकार के ऊपर अतिरिक्त 3,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।
केंद्र सरकार ने देश के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात का ऐलान किया है। रबी फसलों की बुवाई शुरू होने से पहले सरकार सीजन की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी में वृद्धि की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चालू फसल वर्ष 2019-20 की आगामी रबी सीजन की फसलों का एमएसपी बढ़ाने पर फैसला किया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जाबड़ेकर ने संवादाताओं को इसकी जानकारी दी।
प्रकाश जाबड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट में गेहूं के एमएसपी में 85 रुपये और बाजरा के एमएसपी में 85 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला ले लिया है। कैबिनेट के फैसले के बाद गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये से बढ़कर 1,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने से सरकार के ऊपर अतिरिक्त 3,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की ओर से रबी फसलों के एमएसपी में बढ़ोत्तरी की सिफारिश किए जाने के बाद काफी समय से इसकी घोषणा का इंतजार किया जा रहा था।
सीएसीपी ने चालू रबी सीजन में गेहूं की एमएसपी बढ़ाकर 1,925 रुपये, जौ का 1,525 रुपये, सरसों का 4,425 रुपये, चना का 4,825 रुपये, मसूर का 4,800 रुपये और कुसुम का 5,215 रुपये प्रति कुंटल करने की सिफारिश की थी। पिछले सीजन 2018-19 में गेहूं का एमएसपी 1,840 रुपये, जौ का 1,440 रुपये, चना का 4,620 रुपये, मसूर का 4,475 रुपये, सरसों का 4,200 रुपये और कुसुम का 4,945 रुपये प्रति कुंटल था। इस तरह से गेहूं और जौ के एमएसपी में 85 रुपये प्रति कुंटल, जबकि चना, मसूर, सरसों और कुसुम के एमएसपी में क्रमश: 205 रुपये, 325 रुपये, 225 रुपये और 270 रुपये प्रति कुंटल की वृद्धि की सिफारिश की गई है।
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