Corona Update : गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइन्स, प्रवासी मजदूरों,पर्यटकों और विद्यार्थियों को आवाजाही की मिलीअनुमति, 10 लाख से ज्यादा लोगों को राहत
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों में अपने नागरिकों को वापस ला पाएगा और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहां भेज पाएगा। केंद्र सरकार ने यह फैसला कर के लॉकडाउन के 35 दिनों बाद प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार के इस फैसले से देशभर में फंसे करीब 10 लाख से ज्यादा मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं, सैलानियों को राहत मिलेगी।
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फंसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों और विद्यार्थियों आदि की आवाजाही की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपने नागरिकों को लाने के लिए एक मानक मसविदा तैयार करें।
गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों में अपने नागरिकों को वापस ला पाएगा और अपने यहां फंसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहां भेज पाएगा। केंद्र सरकार ने यह फैसला कर के लॉकडाउन के 35 दिनों बाद प्रवासी मजदूरों को बड़ी राहत दी है।
सरकार की ओर से कहा गया है कि देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों अपने घरों को ले जाने के लिए राज्य सरकारें बसों का इंतजाम करेंगी। केंद्र सरकार के इस फैसले से देशभर में फंसे करीब 10 लाख से ज्यादा मजदूरों, छात्रों, श्रद्धालुओं, सैलानियों को राहत मिलेगी।
गृह मंत्रालय ने 6 बिंदुओं की गाइडलाइन राज्यों को भेजी है। इसमें बताया गया है कि कैसे सरकारें इन फंसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुंचाने का काम कर सकती हैं। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्र शासित राज्य सरकारें मजदूरों, छात्रों और पर्यटकों को घर भेजे जाने के लिए नोडल अथॉरिटी गठित करें। यही अथॉरिटी अन्य राज्य सरकारों के साथ बातचीत करके फंसे हुए लोगों को भेजने और उन्हें वापस बुलाने का काम करेगी। अथॉरिटी की जिम्मेदारी होगी कि वह फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन कराएं।
अगर कहीं पर कोई समूह फंसा हुआ है और वह अपने मूल निवास स्थान जाना चाहता है तो राज्य सरकारें आपसी सहमति के साथ उन्हें छूट दे सकतीं हैं। फंसे हुए लोगों की पूरी तरह से मेडिकल जांच होगी। बगैर लक्षण वाले को ही यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। जिस बस में लोगों को ले जाने की व्यवस्था होगी उसे पूरी तरह से सैनिटाइज कराया जाएगा और अंदर भी लोगों को बैठाने में सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराया जाएगा।
राज्य सरकारें फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए खुद रूट तय करेंगी। घर पहुंचते ही लोगों की जांच होगी। इसके बाद सभी को 14 दिनों का होम क्वारैंटाइन में रहना होगा। इस बीच लोगों को अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु ऐप हमेशा ऑन रखना होगा ताकि उन्हें ट्रेस किया जा सके।
ज्ञात हो कि केंद्र सरकार की तरफ से इसके पहले भी लॉकडाउन के बीच कई तरह की छूट का ऐलान किया जा चुका है। केंद्र सरकार ने टेक्सटाइल, निर्माण, जेम्स एंड ज्वेलरी जैसे 15 बड़े औद्योगिक क्षेत्रों में काम शुरू करने की छूट दी है।
कृषि कार्य, ग्रॉसरी की दुकानें खोलने, फल-सब्जी बेचने वाले, इलेक्ट्रीशियन-मैकेनिक को भी छूट दे रखी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को ही सभी राज्यों को आदेश दिया था कि वह सुरक्षा उपायों के साथ अपने अस्पताल, क्लीनिक खोल सकते हैं।
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