दुनिया का समर्थन जेलेंस्की को, रूस में भी पुतिन का विरोध

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीते दिनों के कई फैसलों ने उन्हें रातों-रात प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचा दिया है. उनके संदेशों से प्रभावित होकर दुनियाभर के देशों ने रूस के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. यूक्रेन के समर्थन और रूस के खिलाफ दुनिया के देश खड़े होने लगे है.

दुनिया का समर्थन जेलेंस्की को, रूस में भी पुतिन का विरोध

रूस यूक्रेन युद्ध जितना गहराता जा रहा है. यूक्रेन के समर्थन और रूस के खिलाफ दुनिया के देश खड़े होने लगे है. कीव की लड़ाई में जहां आम लोगों ने भी हथियार उठा लिया है. वहीं राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की के भावुक बयानों को सुनकर रूस में भी पुतिन के अभियान का विरोध शुरू हो गया है. रूस में पुतिन ने खिलाफ लोग सड़कों पर उतर गये हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति के संवेदनशील बयानों को पढ़कर जर्मनी की एक अनुवादक अपने आंसू रोक नहीं पाई. कई जानकार यह मानने लगे हैं कि जेलेंस्की ने जन संपर्क के मामले में रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन को भी पीछे छोड़ दिया है. उनके शब्दों का जादू है कि इस लड़ाई में आम लोग भी हथियार उठाकर रूस के खिलाफ खड़े हो गए हैं.

बता दें, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीते दिनों के कई फैसलों ने उन्हें रातों-रात प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचा दिया है. उनके संदेशों से प्रभावित होकर दुनियाभर के देशों ने रूस के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. अमेरिका के ऑफर पर राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि वो अपने देश छोड़कर कहीं नहीं‍ भागेंगे. एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि युद्ध में रूसी सैनिक हमारे चेहरे देखेगी पीठ नहीं‍.

इससे पहले अफवाह उड़ी थी कि जेलेंस्की यूक्रेन छोड़कर भाग गये हैं. जिसके बाद उन्होंने खुद सामने आकर वीडियो के जरिए कहा कि वो यूक्रेन छोड़कर कही नहीं जाएंगे. उन्होंने कहा था कि हम कीव में हैं और अपने देश की रक्षा कर रहे हैं. सोशल साइट पर उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों का वीडियो पोस्ट कर कहा था कि हम आखिरी सांस तक यूक्रेन की रक्षा करेंगे.

राष्ट्रपति जेलेंस्की के संदेशों ने यूक्रेन के सैनिकों में नई जान फूंक दी है, युद्ध के शुरूआत में लगा था कि रूस जैसे अजेय देश के आगे यूक्रेन एक से दो दिन से ज्यादा ठहर नहीं‍ पाएगा. लेकिन जिस करिश्माई तरीके से जेलेंस्की ने अपने लोगों को संदेश दिया है. उसके रूस की राहें काफी मुश्किल कर दी.

इधर, रूस पर प्रतिबंधों का दौर जारी है. जहां एक ओर तुर्की ने अपने कब्जे वाले ब्लैक सी के क्षेत्र में रूसी सैन्य जहाजों की एंट्री पर रोक लगा दी है. वहीं, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के 12 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. इसके बाद उन्हें 7 मार्च तक अमेरिका छोड़ देना होगा.