दिल्ली विधानसभा चुनाव : बीजेपी प्रत्याशियों के चयन में लाएगी पारदर्शिता,अपनाएगी नया फार्मूला,बक्शे में बंद होगी टिकट चाहने वालों की किस्मत
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है,हिलाजा,सभी राजनीतिक दल चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। चुनाव में जीत को सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी ने इस बार प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला किया है। बीजेपी पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ता गुप्त मतदान के जरिए अपने क्षेत्र में योग्य उम्मीदवार का चयन करेंगे।
दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी भी वक्त हो सकता है,हिलाजा,सभी राजनीतिक दल चुनावी रणनीति बनाने में जुट गए हैं। चुनाव में जीत को सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी ने इस बार प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में बदलाव करने का फैसला किया है। बीजेपी पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ता गुप्त मतदान के जरिए अपने क्षेत्र में योग्य उम्मीदवार का चयन करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी के रणनीतिकारों ने प्रत्याशियों के चयन में पारदर्शिता लाने और किसी तरह के विवाद से बचने के लिए यह कदम उठाया है। उन्हें लगता है कि इस प्रक्रिया से चुनावी समर में योग्य नेता उतर सकेंगे और किसी तरह की गुटबाजी भी नहीं होगी। साथ ही जीत भी सुनिश्चित होगी।
बीजेपी विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र तैयार करने के लिए मतदाताओं से सुझाव लेने का फैसला किया है। इसके लिए 49 वीडियो रथ तैयार किए गए हैं। इसमें एक पेटी भी लगाई गई है, जिसमें लोग अपनी राय लिखकर डाल सकते हैं। इसके साथ ही पार्टी को ईमेल और फोन से सुझाव दे सकते हैं। ‘मेरी दिल्ली मेरा सुझाव’ नाम से यह अभियान गुरुवार से शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव में भी घोषणापत्र बनाने के लिए लोगों की राय ली गई थी।
दरअसल, दिल्ली के हर एक विधानसभा क्षेत्र में टिकट चाहने वाले नेताओं की लंबी लाइन लगी हुई है। पुराने नेताओं के साथ ही पार्टी में कुछ समय पहले शामिल होने वाले कार्यकर्ता भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके साथ ही कई सांसद और बड़े नेता अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इससे पार्टी में गुटबाजी बढ़ रही है और कार्यकर्ताओं में असमंजस भी बढ़ रहा है।
ज्ञात हो कि दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव तक बीजेपी के प्रदेश के नेता मंडल और जिला स्तर पर नेताओं तथा वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की राय लेकर संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करता था। प्रदेश चुनाव समिति इसमें संशोधन करने के बाद केंद्रीय नेतृत्व के पास भेजता था।
केंद्रीय नेतृत्व आखिरी फैसला लेता था। प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व की ओर से विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे भी कराया जाता है, जिससे कि संभावित उम्मीदवारों और चुनाव को प्रभावित करने वाले मुद्दों की पहचान हो सके। इन सबके बावजूद टिकट वितरण को लेकर विवाद होना आम बात है।
बीजेपी ने इस तरह के विवादों से बचने के लिए विधानसभा क्षेत्रों में आंतरिक मतदान होगा जिसमें वहां के पार्षद, पार्टी के पदाधिकारी, वरिष्ठ कार्यकर्ता भाग लेंगे। वह अपनी राय लिखकर पेटी में डाल देंगे और वोट के आधार पर दावेदारी तय की जाएगी। पार्टी के नेताओं का मानना है कि इससे बगावती तेवर अख्तियार करने वालों में कमी आएगी।
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