दिल्ली हिंसा : चांद बाग के नाले से दो और शव बरामद, शवों पर चाकू के निशान, मृतकों की संख्या 32 हुई, 30 घायलों की स्थिति नाजूक
राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लगातार तीन दिनों तक हुई हिंसा में अब तक 32 लोगों की मौत हुई है,जिसमें दिल्ली पुलिस के जवान रतनलाल और आईबी में तैनात अंकित शर्मा शामिल हैं। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के चांदबाग इलाके के नाले से दो और शव बरामद हुए हैं। दोनों शवों पर चाकू के निशान मिले हैं। अंकित शर्मा का शव भी इसी नाले से मिला था।
राजधानी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लगातार तीन दिनों तक हुई हिंसा में अब तक 32 लोगों की मौत हुई है,जिसमें दिल्ली पुलिस के जवान रतनलाल और आईबी में तैनात अंकित शर्मा शामिल हैं। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के चांदबाग इलाके के नाले से दो और शव बरामद हुए हैं। दोनों शवों पर चाकू के निशान मिले हैं। अंकित शर्मा का शव भी इसी नाले से मिला था।
दिल्ली हिंसा से जहां मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है, वहीं 250 घायलों को उपचार के लिए अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां 30 से अधिक की हालत अभी भी नाजुक बताई जा रही है।
इस बीच दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा ने चांद बाग इलाके में फ्लैग मार्च किया और यह ऐलान किया, 'राशन की दुकान,मेडिकल शॉप और अन्य दुकानें खोली जा सकती हैं। डरने की कोई जरूरत नहीं। पुलिस यहां आपके सुरक्षा के लिए है। समूह में एकत्रित न हों, विशेषकर युवा।’
राहत की बात यह है कि गुरुवार को हिंसा के नए मामले सामने नहीं आए हैं। जबकि बुधवार को जाफराबाद, बाबरपुर, मौजपुर, सीलमपुर, भजनपुरा समेत दक्षिण-पूर्व दिल्ली के कुछ इलाकों में छिटपुट आगजनी और तोड़फोड़ की खबरें आईं, लेकिन पुलिस बल की भारी तैनाती से हिंसा के मामलों में कमी देखने को मिली।
बुधवार को ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी हिंसा वाले इलाके का दौरा कर हालात का जायजा लिया था। भारी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैनिक बल की तैनाती के कारण उपद्रवी गायब नजर आए।
आपको बताते चलें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बड़ी संख्या में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने रविवार को सड़क अवरुद्ध कर दी थी, जिसके बाद जाफराबाद में सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प शुरू हो गई। दिल्ली के कई अन्य इलाकों में भी ऐसे ही धरने शुरू हो गए।
मौजपुर में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने एक सभा बुलाई थी, जिसमें मांग की गई थी कि पुलिस तीन दिन के भीतर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों को हटाए। इसके तुरंत बाद दो समूहों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया, जिसके चलते पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
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