नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा रहा महत्वपूर्ण 

मानव संसाधन मंत्रालय ने 31 जुलाई तक नई शिक्षा नीति पर विभिन्न शैक्षिक संस्थानों, बुद्धिजीवियों, विचारकों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से अपने सुझाव देने के लिए कहा है।

नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा रहा महत्वपूर्ण 
Pic of hindustani bhasha academy programme
नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा रहा महत्वपूर्ण 
नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा रहा महत्वपूर्ण 

हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी एवं दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधन में 21 जुलाई को अमीर खुसरो सभागार, दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्ली में नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर परिचर्चा, भाषा गौरव शिक्षक सम्मान समारोह एवं काव्योत्सव सम्पन्न हुआ। दो सत्रों में आयोजित कार्यक्रम में देश के प्रबुद्ध शिक्षाविदों, विख्यात वक्ताओं, विषय विशेषज्ञों, विभिन्न संचार माध्यमों के पत्रकारों, जाने-माने साहित्यकारों, दिल्ली प्रदेश के 150 विद्यालयों के हिन्दी भाषा के शिक्षकों सहित गुरुग्राम, गाज़ियाबाद तथा नोएडा से भी कई विद्वत जनों की उपस्थिति रही । 

के. कस्तुरीरंगन की समिति ने मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नई शिक्षा नीति-2019 का प्रारूप सौंपने के बाद दिल्ली प्रदेश में शायद ही इतने समृद्ध मंच पर किसी संस्था ने इस पर गंभीर परिचर्चा का आयोजन किया हो। यह परिचर्चा विभिन्न कारणों से महत्वपूर्ण रहा। इस परिचर्चा में प्रश्नोत्तर सत्र भी रखा गया था जहाँ विभिन्न विद्यालयों के भाषा शिक्षकों ने विशिष्ट वक्ताओं के सामने अपनी-अपनी जिज्ञासाओं को रखा और वहीं विषय विशेषज्ञ वक्ताओं ने उन पर विस्तृत रूप से चर्चा की।

मानव संसाधन मंत्रालय ने 31 जुलाई तक नई शिक्षा नीति पर विभिन्न शैक्षिक संस्थानों, बुद्धिजीवियों, विचारकों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, शिक्षकों एवं अभिभावकों से अपने सुझाव देने के लिए कहा है। अत : अकादमी ने भी अपने सुझाव पत्र भेजने हेतु उपस्थित सभी अतिथियों से हस्ताक्षर भी लिए। इस परिचर्चा सत्र में विशिष्ट वक्ताओं के रूप में वरिष्ठ पत्रकार तथा भारतीय भाषाओं के संवर्द्धन के पक्षधर राहुल देव,  सुविख्यात हास्य कवि एवं हिन्दी अकादमी, दिल्ली के उपाध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, लेखिका, पत्रकार एवं जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नन्दा, वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष तथा केंद्रीय हिन्दी निदेशालय, दिल्ली के निदेशक अवनीश कुमार, उ. प्र. राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रो. विशेष कुमार गुप्ता, शिक्षाविद, लेखिका एवं हिन्दी माध्यम कार्यान्वयन निदेशालय, दिल्ली विश्वविद्यालय की निदेशक प्रो. कुमुद शर्मा, पत्रकार एवं प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष दिनेश तिवारी तथा हिन्दुस्तानी भाषा अकादमी के अध्यक्ष सुधाकर पाठक ने नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की स्थिति पर अपने-अपने वक्तव्य दिये। 

आयोजन के काव्योत्सव सत्र में विशिष्ट अतिथियों के रूप में आकाशवाणी के पूर्व निदेशक एवं साहित्यकार डॉ. लक्ष्मी शंकर बाजपेयी, वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ. बी.एल. गौड़, विख्यात व्यंग्यकार एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के संपादक डॉ. लालित्य ललित, कवियत्री कमला सिंह ज़ीनत, शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. हरीश अरोड़ा, शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. रवि शर्मा ‘मधुप’, राजभाषा, गृह मंत्रालय के उप संपादक, डॉ. धनेश द्विवेदी तथा शिक्षाविद एवं साहित्यकार डॉ. रमेश तिवारी उपस्थित थे। इस सत्र में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों ने अपनी-अपनी प्रतिनिधि रचनाओं का काव्यपाठ किया। विशिष्ट अतिथियों ने भी अपनी कविताओं और ग़ज़लों से सभागार को गुंजायमान बनाए रखा। काव्योत्सव सत्र में नन्हें बाल कवि जश्न महाला आकर्षण का केंद्र रहा। बाल कवि जश्न ने अपनी कविता एवं प्रस्तुति से उपस्थित श्रोताओं का मन मोह लिया। इस अवसर पर दिल्ली के 150 हिंदी भाषा के शिक्षकों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।