देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने धीमी अर्थव्यवस्था पर दिया बड़ा बयान, कहा-जब केंद्र सरकार को समस्याओं का ही पता नहीं, तो कैसे होगा समाधान?

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है।डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार यह स्वीकार ही नहीं करती कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी है। खतरनाक तो यह है कि जब उन्हें समस्याओं का ही पता नहीं है,तो वे इसे ठीक करने के लिए उपाय भी नहीं खोज रहे हैं।

देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने धीमी अर्थव्यवस्था पर दिया बड़ा बयान, कहा-जब केंद्र सरकार को समस्याओं का ही पता नहीं, तो कैसे होगा समाधान?
Pic of EX Prime Minister Dr. Manmohan Singh With Montek Singh Ahluwalia
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने धीमी अर्थव्यवस्था पर दिया बड़ा बयान, कहा-जब केंद्र सरकार को समस्याओं का ही पता नहीं, तो कैसे होगा समाधान?
देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने धीमी अर्थव्यवस्था पर दिया बड़ा बयान, कहा-जब केंद्र सरकार को समस्याओं का ही पता नहीं, तो कैसे होगा समाधान?

केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आता नहीं दिख रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है। लिहाजा, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विपक्षियों के निशाने पर है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने भी अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है।

डॉ.मनमोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार यह स्वीकार ही नहीं करती कि अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी है। खतरनाक तो यह है कि जब उन्हें समस्याओं का ही पता नहीं है,तो वे इसे ठीक करने के लिए उपाय भी नहीं खोज रहे हैं। मनमोहन ने यह बात योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया की किताब ‘बैकस्टेज: द स्टोरी बिहाइंड इंडियाज हाई ग्रोथ ईयर्स’ के विमोचन के मौके पर कही।

डॉ. मनमोहन के मुताबिक,‘‘योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष ने अपनी किताब में यूपीए सरकार के अच्छे और खराब कामों के बारे में लिखा है। इन पर हमेशा चर्चा होती रहेगी। लेकिन मौजूदा सरकार तो स्लोडाउन को नहीं मानती। यह देश के लिए अच्छा नहीं है। मोंटेक 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर हासिल करने के सरकार के दावे को सकारात्मक सोच बताते हैं। हालांकि, यह बात समझ में नहीं आती कि तीन साल में किसानों की आय दोगुनी कैसे हो जाएगी।’’

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, “हमें 8 फीसदी विकास दर के लिए काम करना होगा, लेकिन इसके लिए वित्तीय नीति के बारे में दोबारा से सोचना होगा। इसके लिए कर सुधारों को भी सख्ती से लागू करने की जरूरत होगी। मैं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हाराव, पी.चिदंबरम और मोंटेक का आभारी हूं, जिन्होंने 1990 के दशक में अर्थव्यवस्था में उदारवाद लाने में सहयोग किया।’’

कार्यक्रम में पैनल डिस्कशन के दौरान पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘‘पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था को गहन चिकित्सा (आईसीयू) की जरूरत है। मैं इससे इत्तेफाक नहीं रखता। मेरे हिसाब से ऐसा है- बीमार अर्थव्यस्था को व्हीलचेयर पर बैठाकर आईसीयू में ले जाया जा रहा है। आईसीयू के बाहर मरीज को रोका जाता है और अक्षम डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘हालात ये हैं कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है, खपत में गिरावट है,लेकिन सरकार कह रही है कि सब ठीक है। इसका मतलब है कि हमें अर्थशास्त्र की किताबों को दोबारा से लिखना होगा। हर इंडिकेटर यही बता रहा है कि अर्थव्यवस्था पिछड़ रही है। इस हालत में जीडीपी ग्रोथ 7-8 फीसदी कैसे बढ़ सकती है? मेरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को सलाह है कि वे इस्तीफा दे दें।’’