सरकार का बड़ा फैसला : यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए पड़ोसी देश जाएंगे भारत के चार मंत्री
सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि ये मंत्री भारत के 'विशेष दूत' के तौर पर वहां जाएंगे. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया.
रूस-यूक्रेन युद्ध का आज पांचवां दिन है. यूक्रेन पर रूस के हमले अब भी जारी है. रूस के इस हमले में अब तक 14 बच्चे समेत करीब 352 लोगों की मौत हो गई है. यूक्रेन ने भी इस जनसंहार को लेकर रूस के खिलाफ हेग स्थित संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी अंतरराष्ट्रीय अदालत में केस दर्ज करा दिया है. यूक्रेन में भारत के 20000 से अधिक भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. उनमें से करीब 1000 छात्रों को सरकार की ओर से भेजे गए विशेष विमान से भारत लाया गया है, लेकिन अब भी 19000 हजार से अधिक छात्र और भारतीय नागरिक वहां फंसे हुए हैं. इन छात्रों को निकालने के लिए भारत की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है और सरकार के चार मंत्री विशेष दूत बनकर यूक्रेन के पड़ोसी देश जाएंगे.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वहां से बाहर निकालने के प्रयासों को तेज करने के लिए केंद्र ने सोमवार को फैसला किया है. सरकार ने अपने चार मंत्रियों को विशेष दूत बनाकर यूक्रेन के पड़ोसी देश भेजने का फैसला किया है. भारत की ओर से विशेष दूत बनकर यूक्रेन के पड़ोसी देश जाने वाले मंत्रियों में हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल वीके सिंह शामिल है. ये चारो मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देश जाकर भारतीय छात्रों को वहां से निकालने के लिए तालमेल स्थापित करेंगे.
सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि ये मंत्री भारत के 'विशेष दूत' के तौर पर वहां जाएंगे. यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न एक उच्च स्तरीय बैठक में किया गया. इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत कई मंत्री शामिल हुए. इस बैठक में यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को निकालने को लेकर रणनीति तैयार की गई.
पीएम मोदी ने कल भी की थी बैठक:
बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को भी यूक्रेन संकट पर एक बैठक की अध्यक्षता की थी. इसके बाद उन्होंने कहा था कि भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उन्हें युद्धग्रस्त देश से बाहर निकालना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है. बैठक में यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग और बढ़ाने पर भी चर्चा हुई, ताकि भारतीय छात्रों को युद्धग्रस्त देश से तेजी से बाहर निकाला जा सके.
यूक्रेन ने संरा की सर्वोच्च अदालत में दर्ज कराया केस:
वहीं, खबर यह भी है कि यूक्रेन ने रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की सर्वोच्च अदालत में मामला दर्ज कराया है. यूकेन ने रूस पर जनसंहार की योजना बनाने का आरोप लगाया है. साथ ही, अदालत से युद्ध को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने और रूस को क्षतिपूर्ति देने संबंधी निर्देश देने का भी आग्रह किया है. रविवार को दर्ज कराए गए मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण से मॉस्को से सैन्य अभियानों को तत्काल बंद करते हुए महत्वपूर्ण कदम उठाने संबंधी निर्देश देने का आग्रह किया गया है. यूक्रेन पर रूस ने 24 फरवरी को हमला किया था.
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