केरल विधानसभा ने पास किया CAA को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव, विपक्षी गठबंधन ने भी किया समर्थन, बीजेपी के एकमात्र विधायक ने किया विरोध

केरल विधानसभा ने संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया है। केरल में सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले गठबंधन एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने विधानसभा में सीएए के विरोध में पेश प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि बीजेपी के एकमात्र सदस्य ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।

केरल विधानसभा ने पास किया CAA को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव, विपक्षी गठबंधन ने भी किया समर्थन, बीजेपी के एकमात्र विधायक ने किया विरोध
Pic of Kerala CM P. Vijyaan
केरल विधानसभा ने पास किया CAA को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव, विपक्षी गठबंधन ने भी किया समर्थन, बीजेपी के एकमात्र विधायक ने किया विरोध
केरल विधानसभा ने पास किया CAA को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव, विपक्षी गठबंधन ने भी किया समर्थन, बीजेपी के एकमात्र विधायक ने किया विरोध

नागरिकता संशोधन कानून का विरोध अभी भी जारी है। इस कानून के विरोध में कई राज्यों और शहरों में धरना-प्रदर्शन हो रहे हैं। देश की कई राज्य सरकारें भी इस संशोधित नागरिकता कानून का विरोध कर रही हैं। उन्हीं में से एक है केरल,जहां की विधानसभा ने संशोधित नागरिकता कानून को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव पारित किया है। 

केरल में सत्तारूढ़ सीपीएम के नेतृत्व वाले गठबंधन एलडीएफ और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ ने विधानसभा में सीएए के विरोध में पेश प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि बीजेपी के एकमात्र सदस्य ने इस प्रस्ताव का विरोध किया।

केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन ने पहले ही घोषणा की थी कि उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अपने राज्य में लागू नहीं करेंगे। विधानसभा में मंगलवार को प्रस्ताव पेश करके इसे एक के मुकाबले 138 मतों से पास करवाकर उन्होंने अब केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है।

मुख्यमंत्री पी. विजयन ने कहा कि केंद्र को अपने संकीर्ण और भेदभाव वाले रवैये को त्यागकर सबके साथ समान व्यवहार करना चाहिए। केरल विधानसभा देश की पहली ऐसी विधानसभा है, जिसने सीएए लागू करने और जनसंख्या रजिस्टर बनाने की कवायद के विरोध में ऐसा प्रस्ताव पास किया है।

केरल में 139 सदस्यों वाली विधानसभा में लेफ्ट फ्रंट के पास बहुमत है। इसके अलावा उसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ का भी साथ मिला है। प्रस्ताव के खिलाफ में बीजेपी के एकमात्र विधायक ओ राजगोपला ने वोट डाला। उन्होंने विधानसभा में कहा कि देश की संसद से बनाए गए कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाना गैरकानूनी है और यह देश के संघीय ढांचे के खिलाफ भी है।