जानिए, पठानकोट एयरबेस पर ही क्यों की गई अत्याधुनिक अपाचे हेलीकॉप्टर की तैनाती?
अपाचे AH-64E दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। अपाचे हेलीकॉप्टरर में ऐसी कई खूबियां हैं, जो इसे दूसरे लड़ाकू हेलीकॉप्टर से बेहतर बनाती है। अपाचे हेलीकॉप्टरों में प्रेशियन हैलफायर मिसाइल और रॉकेट लगे हुए हैं। एक अपाचे हेलीकॉप्टर में इस तरह की आठ हैलफायर मिसाइल और 19-19 रॉकेट के दो पॉड लग सकते हैं। 280 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकने वाले इस हेलिकॉप्टर में 30 मिलीमीटर की दो गन हैं।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बरकरार तनाव के बीच भारतीय वायुसेना ने पठानकोट एयरबेस पर आठ अपाचे हेलीकॉप्टरों को तैनात कर दिया है। वायुसेना प्रमुख एयरचीफ मार्शल बी. एस. धनोवा की मौजूदगी में इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती की गई। अपाचे AH-64E नाम के ये हेलीकॉप्टर अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं और इन्हें दुनिया का सबसे खतरनाक लड़ाकू हेलीकॉप्टर भी कहा जाता है।
पठानकोट एयरबेस पर तैनाती क्यों?
दरअसल, पठानकोट एयरबेस रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है। इस एयरबेस की दूरी पाकिस्तानी सीमा से जहां लगभग 150 किलोमिटर है। वहीं दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 450 किलोमिटर है। इतना ही नहीं 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस में घुसकर पाकिस्तान के 5 आतंकियों ने हमला किया था। उन्हें खत्म करने के लिए दिल्ली से एनएसजी कमांडो बुलाने पड़े थे। 1965 और 1971 की लड़ाई में भी पठानकोट एयरबेस पर हमला हुआ था। पाकिस्तान ने इस एयरबेस की वजह से सियालकोट में टैंक भी तैनात किए हैं। ऐसे में इन हेलिकॉप्टर्स की तैनाती से इस स्थिति में तुरंत बड़ा एक्शन लिया जा सकेगा।
अमेरिकी सेना भी करती है इस्तेमाल
अपाचे AH-64E दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका वाले लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और अमेरिकी सेना इसका इस्तेमाल करती है। अपाचे हेलीकॉप्टरर में ऐसी कई अन्य खूबियां भी हैं, जो इसे दूसरे लड़ाकू हेलीकॉप्टर से बेहतर बनाती है। अपाचे हेलीकॉप्टरों में प्रेशियन हैलफायर मिसाइल और रॉकेट लगे हुए हैं। एक अपाचे हेलीकॉप्टर में इस तरह की आठ हैलफायर मिसाइल और 19-19 रॉकेट के दो पॉड लग सकते हैं। खास तौर से लगी कैनन-गन से एक साथ 1200 राउंड फायर किए जा सकते हैं।
550 किलोमीटर है फ्लाइंग रेंज
अपाचे हेलिकॉप्टर की फ्लाइंग रेंज करीब 550 किलोमीटर है। ये एक बार में तीन घंटे तक उड़ान भर सकता है। 280 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकने वाले इस हेलिकॉप्टर में 30 मिलीमीटर की दो गन हैं। इस हेलीकॉप्टर से दुश्मन के ठिकाने पर दिन हो या रात किसी भी समय हमला किया जा सकता है।
हर मौसम में करता है काम
60 फुट ऊंचे और 50 फुट चौड़े अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट जरूरी हैं। अपाचे हेलीकॉप्टर हर तरह के मौसम में काम करने में सक्षम है और सबसे बड़ी बात ये है कि ये हेलीकॉप्टर दुश्मन के रडार में भी नहीं आता। अपाचे हेलीकॉप्टर हवा से हवा में ही किसी भी तरह के ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है।
2 पायलट की होती है जरूरत
अपाचे हेलीकॉप्टर में टारगेट पर अचूक निशाना लगाने के लिए एक खास तरह का हेलमेट डिजाइन किया गया है, जिसमें डिसप्ले सिस्टम लगा होता है। हेलमेट से पायलट या गनर ऑटोमेटिक M230 चेन गन लगा सकता है, जिसके बाद वो अपने सिर को हिलाकर फायरिंग कर सकता है। साथ ही इसमें दो T700 टर्बोशाफ्ट इंजन भी लगाए गए हैं। दो इंजन लगे होने की वजह से इसमें बैठे दोनों पायलट हेलीकॉप्टर को उड़ा सकते हैं या फिर एक इंजन के खराब होने की स्थिति में दूसरे इंजन से इसे उड़ाया जा सकता है।
पायलट की सुरक्षा का विशेष इंतजाम
अपाचे हेलीकॉप्टर में बैठने वाले पायलट की सुरक्षा का पूरा इंतजाम किया गया है। इसके कॉकपिट में ऐसी शील्डिंग की गई है, जिसकी वजह से इसे भेदना मुश्किल हो जाता है। आपाचे हेलीकॉप्टर का डिजाइन भी बेहद खास है। इसके लैंडिंग गियर, सीट और फ्यूल सिस्टम के साथ-साथ बॉडी को भी ऐसा डिजाइन दिया गया है, जिससे इसे क्रैश होने से बचाया जा सके।
2015 में बोइंग से हुआ था अनुबंध
आपको बताते चलें कि भारत सरकार ने अमेरिकी हथियार बनाने वाली कंपनी बोइंग से बोइंग के साथ 4168 करोड़ रुपये में 22 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा हुआ था। अगले साल तक भारत को सारे 22 अपाचे हेलीकॉप्टर मिल जाएंगे। भारतीय वायुसेना ने अपाचे हेलीकॉप्टर के लिए अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ सितम्बर 2015 में अनुबंध किया था। इसके तहत बोइंग ने 27 जुलाई को 22 हेलीकॉप्टर में से पहले चार हेलीकॉप्टर दिए गए थे।
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