आइए, चुनाव से पहले झारखंड को विधानसभावार समझते हैं

आइए, चुनाव से पहले झारखंड को विधानसभावार समझते हैं
GFX of Jharkhand Assembly Election-2019
आइए, चुनाव से पहले झारखंड को विधानसभावार समझते हैं
आइए, चुनाव से पहले झारखंड को विधानसभावार समझते हैं
आइए, चुनाव से पहले झारखंड को विधानसभावार समझते हैं

हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब सबकी नजर झारखंड विधानसभा चुनाव पर है। झारखंड में इसी वर्ष चुनाव कराए जाने हैं। चुनाव आयोग किसी भी वक्त चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है। लिहाजा, राजनीतिक दलों के नेता जनता को लुभाने में जुट गए हैं। टिकटों को लेकर दरबार भी सजने लगे हैं। टिकट की आस में बड़े से लेकर छोटे नेता सभी राजधानी रांची से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं।

दरअसल, बिहार से अलग होकर बने राज्य झारखंड में 5 प्रमंडल हैं। 24 जिलों से मिलकर बने झारखंड राज्य में कुल 81 विधानसभा सीटें हैं, जिलमें से 28 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, तो 9 अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं। उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल राज्य का सबसे बड़ा प्रमंडल है और इसका मुख्यालय हजारीबाग है।

उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में सबसे ज्यादा 7 जिले कोडरमा, हजारीबाग, रामगढ़, चतरा, गिरिडीह, बोकारो और धनबाद हैं। इस क्षेत्र में 5 लोकसभा और 25 विधानसभा क्षेत्र हैं। इस प्रमंडल में 4 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं। चतरा और सिमरिया के अलावा बोकारो जिला का चंदनकियारी और गिरिडीह का जमुआ विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

झारखंड राज्य का दूसरा सबसे बड़ा प्रमंडल संथाल परगना है, जिसका मुख्यालय दुमका है। इस प्रमंडल में 6 जिला साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, देवघर और गोड्डा शामिल हैं। इन 6 जिलों में तीन लोकसभा और 18 विधानसभा क्षेत्र हैं। इस प्रमंडल की सात सीटें बोरियो, बरहेट, लिट्टीपाड़ा, महेशपुर, शिकारीपाड़ा, दुमका और जामा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। एकमात्र देवघर विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। कुल मिलाकर 18 में से 8 सीटें आरक्षित हैं।

दक्षिणी छोटानागपुर का मुख्यालय झारखंड की राजधानी रांची है। इस प्रमंडल में 5 जिले रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा आते हैं। इस इलाके में 15 विधानसभा और 3 लोकसभा क्षेत्र हैं। इस प्रमंडल की 15 विधानसभा में से मात्र दो सीट सामान्य वर्ग में हैं।

कांके सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और शेष 12 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। रांची, सिल्ली और हटिया ही ऐसे क्षेत्र हैं, जहां सामान्य वर्ग का व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है। खूंटी की दो, गुमला की तीन, सिमडेगा में दो और लोहरदगा की एक सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 

झारखंड का सबसे नया प्रमंडल कोल्हान है,जिसके अंतर्गत तीन जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां आते हैं। कोल्हान प्रमंडल का मुख्यालय चाईबासा है। इस प्रमंडल में दो लोकसभा और 14 विधानसभा क्षेत्र हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिला की सभी 5 और सरायकेला-खरसावां की तीन में से दो सीटें अनुसूचित जनजाति लिए आरक्षित हैं। पूर्वी सिंहभूम में 6 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें दो अनुसूचित जनजाति के लिए और एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

झारखंड का पलामू प्रमंडल तीन जिलों को मिलाकर बनाया गया है,जिसके अंतर्गत तीन जिले पलामू, लातेहार और गढ़वा आते हैं। इस प्रमंडल में 3 जिला, 1 लोकसभा और 9 विधानसभा क्षेत्र हैं। सबसे ज्यादा पांच लोकसभा सीट पलामू जिला में हैं। इसमें छतरपुर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। लातेहार में दो सीट हैं,जिसमें मनिका अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है, तो लातेहार अनुसूचित जाति के लिए. गढ़वा जिला में दो विधानसभा हैं। यहां कोई भी सीट आरक्षित नहीं है।