आंध्र प्रदेश विधानसभा से तीन राजधानी बनाने वाला प्रस्ताव हुआ पास,पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया विरोध, कहा-काला दिन
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने तीन राज्य बनाने वाले ऐतिहासिक विधेयक को पारित कर दिया है। राज्य सरकार के 'आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक-2020 में विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है।
आंध्र प्रदेश विधानसभा ने तीन राज्य बनाने वाले ऐतिहासिक विधेयक को पारित कर दिया है। राज्य सरकार के 'आंध्र प्रदेश विकेंद्रीकरण एवं सभी क्षेत्रों का समावेशी विकास विधेयक-2020 में विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी, अमरावती को विधायी राजधानी और कुर्नूल को न्यायिक राजधानी बनाए जाने का प्रस्ताव है।
विधानसभा से पारित होने के बाद अब इस विधेयक को विधान परिषद में पारित किया कराना होगा। लेकिन राज्य सरकार के लिए ये मुश्किल है,क्योंकि विधान परिषद में वाईएसआर कांग्रेस बहुमत में नहीं है। 58 सदस्यों वाले उच्च सदन में उसके पास महज नौ सदस्य हैं।
विधानसभा से यह प्रस्ताव पास होने के बाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसे काल दिन बताया। उन्होंने विधानसभा परिसर के पीछे तेलगू देशम पार्टी विधायकों के साथ विधानसभा के मुख्य द्वार से कुछ मीटर की दूरी पर मार्च भी निकाला।
विधानसभा में कार्रवाई के दौरान हंगामा करने पर तेलुगु देशम पार्टी के 17 विधायकों को एक दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। विधायक मुख्यमंत्री के भाषण को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि विकेंद्रीकरण पर ध्यान केंद्रित करके उनकी सरकार ऐतिहासिक भूलों और गलतियों को सुधार रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वो राजधानी को बदल नहीं रहे हैं। वो सिर्फ दो और नई राजधानी जोड़ रहे हैं। अमरावती पहले जैसी ही रहेगी। वो किसी भी क्षेत्र के साथ अन्याय नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो लोगों को सिर्फ ग्राफिक्स दिखा करके बेवकूफ नहीं बना सकते हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू के अमरावती को स्व-वित्तपोषित परियोजना होने के दावे को भी खारिज कर दिया है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता ने इससे पहले कहा था कि वह हाथ जोड़कर अपील करते हैं कि राजधानी को अमरावती से विशाखापत्तनम न ले जाया जाए। अमरावती क्षेत्र में निषोधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए सैंकड़ों किसानों और महिलाओं ने इस विधेयक का विरोध प्रदर्शन करते हुए पुलिस अवरोधकों को तोड़कर विधानसभा परिसर पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज भी किया।
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