पुष्कर सिंह धामी बनें उत्तराखंड के 'बाजीगर', अपनी सीट हारकर भी कल लेंगे सीएम पद की शपथ

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने सोमवार शाम को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) से भेंट किया. उन्होंने बताया कि पुष्कर सिंह धामी को विधानमंडल दल का नया नेता चुना गया है.

पुष्कर सिंह धामी बनें  उत्तराखंड के 'बाजीगर', अपनी सीट हारकर भी कल लेंगे सीएम पद की शपथ

Pushkar Singh Dhami : उत्तराखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार दोपहर 3:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. उनके साथ कैबिनेट को भी शपथ दिलाई जाएगी. शपथ ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में होगा. इससे पहले भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद पार्टी ने राज्य में सरकार गठन का दावा राज्यपाल के समक्ष पेश किया.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दी जानकारी:

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं ने सोमवार शाम को राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) से भेंट किया. उन्होंने बताया कि पुष्कर सिंह धामी को विधानमंडल दल का नया नेता चुना गया है. उन्होंने पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का अनुरोध पत्र राज्यपाल को सौंपा. इस दौरान धामी के अलावा केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी, अजय भट्ट, सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक, प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत, नवनिर्वाचित विधायक सतपाल महाराज, प्रेमचंद अग्रवाल, रेखा आर्य, अरविंद पांडे सहित अन्य नेता उपस्थित थे.

हारने के बाद भी धामी बनेंगे सीएम:

पुष्कर सिंह धामी को फिर से मुख्यमंत्री बनाने के साथ ही भाजपा ने उत्तराखंड में स्थिरता का विकल्प चुना है, जिसने लगातार बदलाव देखा है. अपनी सीट हारने के बावजूद धामी के फिर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के साथ, भाजपा के वर्तमान केंद्रीय नेतृत्व ने सूबे में स्थिरता को चुना है. यह पहली बार है जब नेता के अपनी विधानसभा सीट से हारने के बाद भी भाजपा राज्य में सरकार का नेतृत्व करने के लिए उन्हीं के साथ आगे बढ़ी है. धामी जिन्हें पिछले साल जुलाई में मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था और चार महीनों में उत्तराखंड के वह तीसरे मुख्यमंत्री थे. धामी के नेतृत्व में पार्टी ने लगातार दूसरी बार जीतने का रिकॉर्ड बनाया, जिसमें भाजपा ने 70 में से 47 सीटें जीतीं.

अंदरूनी कलह को रोकने की क्षमता:

भाजपा के सूत्रों की मानें तो धामी में राज्य इकाई में अंदरूनी कलह को रोकने की क्षमता थी. हालांकि 46 वर्षीय धामी को खटीमा सीट से हार का सामना करना पड़ा था. कई विधायकों और निर्दलीयों ने उन्हें अपनी सीट की पेशकश की है. संवैधानिक मानदंडों के अनुसार, धामी को पदभार ग्रहण करने के छह महीने के भीतर राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित होना होगा.

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया:

अपनी सीट हारने के बावजूद धामी के फिर से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं. इसको लेकर लोग लगातार सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं और कह रहे हैं कि हारकर भी जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं.