त्रिपुरा से पेट्रोल टैंकर में छुपाकर 1223 किलो गांजा ला रहे थे तस्कर, एनसीबी ने मंसूबों पर फेरा पानी

त्रिपुरा से पेट्रोल टैंकर में छुपाकर 1223 किलो गांजा ला रहे थे तस्कर, एनसीबी ने मंसूबों पर फेरा पानी

मादक पदार्थ हेरोइन की राजधानी में बरामदगी के चंद घंटों के भीतर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की पटना यूनिट ने गांजा की एक बड़ी खेप जब्त की है। बेगूसराय जिले के बछवाड़ा में कार्रवाई के दौरान एनसीबी ने तेल टैंकर में छुपाकर रखे गए 1223 किलोग्राम गांजा के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
 
एनसीबी पटना यूनिट को उसकी लखनऊ यूनिट ने गांजा तस्करी की सूचना दी थी। बताया गया था कि त्रिपुरा से मादक पदार्थ की खेप उत्तर बिहार के लिए लाई जा रही है। इस सूचना पर पटना यूनिट की टीम प्रमुख जगहों पर मुस्तैद हो गई। 4-5 जून की रात बेगूसराय के बछवाड़ा में एक तेल टैंकर को रोककर तलाशी ली गई तो 1223.700 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ। 

इसे टैंकर में बनाए गए विशेष तहखाने में छुपाकर रखा गया था। तस्करी के आरोप में दो लोग गिरफ्तार किए गए जिसमें राज कुमार यादव (मोहनपुर, राधोपुर, वैशाली) और कल्लू सहनी (देवी स्थान, करमलीचक, पटना) शामिल हैं। गांजा की यह खेप पटना या वैशाली के दियारा इलाके में छुपाने की तैयारी थी।

आंध्र-ओडिशा की सीमा व त्रिपुरा बड़ा सेंटर
गांजा की खेती आंध्र प्रदेश और ओडिशा की सीमा पर नक्सल प्रभावित इलाकों में की जाती है। इसके अलावा त्रिपुरा और आसपास के इलाके भी गांजा के बड़े सेंटर हैं। इन जगहों से गांजा तस्करी के जरिए बिहार लाया जाता है। अंतरराज्यीय तस्कर गिरोह बिहार से गांजा दिल्ली, महाराष्ट्र, राजस्थान तमिलनाडु और केरल समेत अन्य राज्यों में भेजते हैं। भारत से गांजा की तस्करी श्रीलंका तक होती है। 

इस धंधे में कई बड़े गिरोह शामिल हैं और करोड़ों रुपए का लेनदेन होता है। एनसीबी इस तस्करी के इस रैकेट में शामिल लोगों तक पहुंचने के लिए बारीकी से अनुसंधान में जुटी है। बरामदी की इस मुहिम में एनसीबी पटना यूनिट के अधीक्षक राजन कुमार के साथ ही यूनिट के कई खुफिया अधिकारियों की टीम लगी थी।