सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर लगाया देश को गुमराह करने का आरोप,कहा-CAA और NRC पर सरकार ने फैलाई नफरत,शासन का हो रहा है दुरुपयोग

सोनिया गांधी ने कहा कि संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है। देशभर में युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका तत्काल कारण तो सीएए और एनआरसी है,लेकिन यह व्यापक निराशा और क्रोध को दिखाता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पुलिस की प्रतिक्रिया पक्षपातपूर्ण और क्रूर है।

सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर लगाया देश को गुमराह करने का आरोप,कहा-CAA और NRC पर सरकार ने फैलाई नफरत,शासन का हो रहा है दुरुपयोग
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर लगाया देश को गुमराह करने का आरोप,कहा-CAA और NRC पर सरकार ने फैलाई नफरत,शासन का हो रहा है दुरुपयोग
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर लगाया देश को गुमराह करने का आरोप,कहा-CAA और NRC पर सरकार ने फैलाई नफरत,शासन का हो रहा है दुरुपयोग
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर लगाया देश को गुमराह करने का आरोप,कहा-CAA और NRC पर सरकार ने फैलाई नफरत,शासन का हो रहा है दुरुपयोग

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय रजिसेटर पंजी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। सोनिया गांधी ने कहा कि सीएए और एनआरसी पर सरकार ने नफरत फैलाई और लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कोशिश की है। दिल्ली में विपक्षी दलों की बैठक में उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने लोगों को गुमराह किया। उन्होंने केवल हफ्तों पहले दिए गए अपने खुद के बयानों का खंडन किया और अपने उत्तेजक बयान जारी रखे।'

सोनिया गांधी ने कहा कि संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है। देशभर में युवा विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसका तत्काल कारण तो सीएए और एनआरसी है,लेकिन यह व्यापक निराशा और क्रोध को दिखाता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली में पुलिस की प्रतिक्रिया पक्षपातपूर्ण और क्रूर है।

दरअसल, कांग्रेस की ओर से बुलाई गई बैठक में देश के कई अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए। बैठक के दौरान सभी नोताओं ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शनों और कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात,आर्थिक मंदी समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह,कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला शामिल हुए।

मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी, भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी के नेता डी राजा, झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल, राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और राष्ट्रीय लोक दल के नेता अजित सिंह भी बैठक में मौजूद रहे।

बैठक में आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, आरएलएसपी के उपेंद्र कुशवाहा समेत कई अन्य दलों के नेता भी शामिल हुए। लेकिन तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती और समाजवादी पार्टी के अधय्क्ष अखिलेश यादव बैठक में नहीं पहुंचे।