यूरोपियन सांसदों ने घाटी के हालात पर जताई संतुष्टि,अनुच्छेद-370 को बताया भारत का आंतरिक मामला, पाकिस्तान पर लगाया आतंकी फंडिंग का आरोप
यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने कहा कि भारत के साथ आतंकवाद आज एक वैश्विक समस्या है और वह आतंकवाद के खिलाफ भारत का पुरजोर समर्थन करते हैं। एक सांसद ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग करता है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद सबसे बड़ी समस्या है और इसके खिलाफ जंग में हम भारत के साथ हैं।
यूरोपियन यूनियन के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल कश्मीर घाटी के हालात से संतुष्ट है। जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे के बाद प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसदों ने भारत का समर्थन करते हुए कहा है कि वह कश्मीर के हालात से संतुष्ट हैं। उन्होंने कश्मीर मुद्दे को भारत का आंतरिक मामला बताया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में वह भारत के साथ हैं।
जम्मू-कश्मीर का दौरा पूरा करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान यूरोपीय यूनियन सांसदों ने कहा कि भारत एक शांत देश है और कश्मीर के लोगों को भारत से काफी उम्मीदें हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस दौरे को राजनीतिक चश्मे से ना देखा जाए, यह बिल्कुल ठीक नहीं है। हम सिर्फ यहां हालात का जायजा लेने आए हैं।
सांसदों के दल ने एक स्वर में कहा कि अनुच्छेद-370 भारत का आंतरिक मामला है। भारत-पाकिस्तान को अगर शांति स्थापित करनी है, तो दोनों देशों को आपस में बातचीत करनी होगी। ईयू सांसदों ने कहा कि हमें वहां रहने का ज्यादा समय नहीं मिला, हम ज्यादा लोगों से नहीं मिल पाए। लेकिन ना जाने से बेहतर रहा कि वह थोड़े समय के लिए ही सही, लेकिन वहां गए।
यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने कहा कि भारत के साथ आतंकवाद आज एक वैश्विक समस्या है और वह आतंकवाद के खिलाफ भारत का पुरजोर समर्थन करते हैं। एक सांसद ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को फंडिंग करता है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद सबसे बड़ी समस्या है और इसके खिलाफ जंग में हम भारत के साथ हैं।
ईयू सांसदों ने कहा कि पाकिस्तान में ईसाईयों की हालत से हम चिंतिंत हैं और यह स्थिति दुनियाभर में है। कश्मीर पर कई देशों की ओर से जारी की गई एडवाइजरी पर एक सांसद ने कहा कि यूरोप के लोगों से कश्मीर जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग विकास और शांति चाहते हैं। सांसदों ने कश्मीर में हुई मजदूरों की हत्या को दर्दनाक बताया। उन्होंने कहा कि आतंकियों की ओर से ऐसी हत्याएं किया जाना दर्दनाक है। उन्होंने मजदूरों की हत्या पर गहरी दुख जताया।
एक सांसद ने कहा कि वे चालीस साल में करीब 20 बार भारत आ चुके हैं और इस बार उनका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को लेकर जानकारी हासिल करना था। कश्मीर में स्थितियां अब लगभग सुलझने को हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में बहुत भ्रष्टाचार है और अब वहां हालात सुधर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोग भी शांति चाहते हैं, स्कूल और कॉलेज चाहते हैं।
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