संसद में गुंजा प्रमोशन में रिजर्वेशन का मामला,कांग्रेस और एमसीपी समेत तमाम विपक्षी दलों ने किया हंगामा, केंद्र सरकार कर रही है उच्चस्तरीय चर्चा
देश में अब सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। तमाम दलों के नेता इस मामले को लेकर मुखर हो रहे हैं। पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी समेत विपक्षी दलों ने सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा भी किया। कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने तो सदन का बहिष्कार भी किया।
देश में अब सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। तमाम दलों के नेता इस मामले को लेकर मुखर हो रहे हैं। पदोन्नति में आरक्षण की मांग को लेकर कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्यूनिष्ट पार्टी समेत विपक्षी दलों ने सोमवार को लोकसभा में जमकर हंगामा भी किया। कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने तो सदन का बहिष्कार भी किया।
देश के सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलोत ने सदन में कहा,’ हम इस मामले को लेकर उच्च स्तर पर चर्चा कर रहे हैं। मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि अदालत में सरकार कभी इस मामले में पार्टी नहीं रही है। यह मामला 2012 में उत्तराखंड सरकार के पदोन्नति में आरक्षण नहीं देने पर सामने आया था। उस समय राज्य में कांग्रेस की सरकार थी।‘ इस पर कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉक आउट कर दिया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इससे पहले कहा कि सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला संवेदनशील है और सरकार इस पर बयान देगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तराखंड सरकार की याचिका पर फैसले देते हुए कहा था कि पद्दोन्नति में कोटा या आरक्षण की मांग करना मौलिक अधिकार नहीं है। राज्य सरकारें अपने विवेक पर इसे निर्धारित कर सकती हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, “बीजेपी आरक्षण के खिलाफ है। वह आरक्षण को संविधान से निकालना चाहती है। वे चाहते हैं कि एससी-एसटी कैटेगरी कभी आगे न बढ़े और यह जो कहा गया है कि आरक्षण मौलिक अधिकार ही नहीं है,ये बीजेपी की साजिश है। उत्तराखंड की सरकार ने यह बहस की है। आरएसएस-बीजेपी वाले चाहे जितने सपने देख लें, लेकिन हम इसे हटने नहीं देंगे। संविधान पर आक्रमण हो रहा है। हर संस्थान को तोड़ा जा रहा है। न्यायपालिका और लोकतंत्र के स्तंभों को एक-एक कर निशाना बनाया जा रहा है।''
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि सरकारी पदों पर एससी-एसटी की पदस्थापना सरकार का अधिकार नहीं होना चाहिए, बल्कि यह संविधान द्वारा दिया गया मौलिक अधिकार है। कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि यह मामला बताता है कि बीजेपी शासित राज्य और केंद्र सरकार में मतभेद हैं। क्योंकि ऐसे ही मामले में केंद्र ने पदोन्नति में आरक्षण दिया है। मूल रूप से बीजेपी दलितों और आरक्षण के खिलाफ है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करे या आरक्षण को मौलिक अधिकार बनाने के लिए संविधान में संशोधन करे।
एमसीपी ने भी सरकारी नौकरियों और पदोन्नति में आरक्षण को अनिवार्य बताते हुए कहा है कि सरकार को इसे लागू करने में आ रही कानूनी बाधाओं को दूर करना चाहिए। एनडीए के सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद चिराग पासवान ने भी लोकसभा में आरक्षण पर दिए फैसले के खिलाफ आवाज उठाई। चिराग पासवान ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को पलटने की मांग की है।
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