क्यों बुलडोजर के आगे जुड़ा मामा का नाम, योगी से सीख या आंतरिक कलह? जानें क्या वजह

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार चौथी बार सीएम के तौर पर काम कर रहे हैं, लेकिन उनका यह चौथा कार्यकाल एक मायने में अलग है। 2020 में कमलनाथ के इस्तीफे के बाद चौथी बार सीएम बनने वाले शिवराज सिंह चौहान अपने तीन कार्यकालों में मामा के तौर पर ख्याति रखते थे, लेकिन अब वह बुलडोजर मामा कहलाने लगे हैं।

क्यों बुलडोजर के आगे जुड़ा मामा का नाम, योगी से सीख या आंतरिक कलह? जानें क्या वजह

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार चौथी बार सीएम के तौर पर काम कर रहे हैं, लेकिन उनका यह चौथा कार्यकाल एक मायने में अलग है। 2020 में कमलनाथ के इस्तीफे के बाद चौथी बार सीएम बनने वाले शिवराज सिंह चौहान अपने तीन कार्यकालों में मामा के तौर पर ख्याति रखते थे, लेकिन अब वह बुलडोजर मामा कहलाने लगे हैं। कहा जा रहा है कि उनकी पहचान में यह तब्दीली यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के चलते हुई है, जिन्हें बुलडोजर बाबा कहा जा रहा है। यही नहीं यूपी में विधानसभा चुनाव के नतीजों में योगी आदित्यनाथ को मिली सफलता के बाद शिवराज सिंह चौहान और भी आक्रामक नजर आ रहे हैं।
 

माना जा रहा है कि योगी की सफलता से शिवराज सिंह चौहान प्रेरित हुए हैं और वे अब लोकप्रिय से ज्यादा मजबूत सीएम के तौर पर अपनी छवि बनाने को उत्सुक हैं। इससे पहले उनकी इमेज कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने और प्रदेश के लोगों की चिंता करने वाले नेता की छवि थी और इसी के चलते उन्हें 'मामा' का टैग मिला था। मध्य प्रदेश की राजनीति की समझ रखने वालों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान को 2018 के विधानसभा चुनाव में मामूली अंतर से सत्ता गंवानी पड़ी थी। ऐसे में वह बेहद सतर्क हैं और अपनी इमेज को इतना मजबूत करना चाहते हैं कि फिर से पूर्ण बहुमत से सत्ता हासिल करें।

वीडी शर्मा से शिवराज की कम बनती है? इसलिए उठाया कदम;

दरअसल इसके पीछे एक वजह यह भी है कि बीच-बीच में ऐसी चर्चाएं उठती रहती हैं कि हाईकमान उन्हें बहुत पसंद नहीं करता है और उन्हें रिप्लेस किया जा सकता है। बीते साल ऐसी चर्चाएं शुरू हुई थीं। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान चाहते हैं कि वह एक बार फिर से बड़ी जीत हासिल कर लौटें ताकि भाजपा की ओर से उन्हें ही सीएम बनाया जाए। 2018 में विधानसभा चुनाव में भाजपा को झटका लगने के बाद बड़े बदलाव मध्य प्रदेश के संगठन में देखने को मिले थे। तब पार्टी के मुखिया अमित शाह ने राज्य में वीडी शर्मा को भाजपा अध्यक्ष बनाया था, जिनके बारे में कहा जाता है कि वह शिवराज सिंह चौहान के करीबी नहीं हैं।

अटल के दौर से अब तक टिके रहे हैं शिवराज:

अटल बिहारी वाजपेयी के दौर के नेता शिवराज सिंह चौहान अकेले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो लंबे समय से टिके हुए हैं और मोदी-शाह के दौर में भी अपनी जगह बचाने में कामयाब रहे हैं। लेकिन अब हाईकमान वह अपनी छवि को नए सिरे से गढ़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि नया नैरेटिव स्थापित करें और एक बार फिर से अपने दम पर जीत हासिल करें। मध्य प्रदेश में वह खुद को किसी भी संघर्ष से अलग रखते हुए सबसे बड़े चेहरे के तौर पर पेश करने की कोशिश में हैं ताकि विधानसभा चुनाव की जीत का उन्हें पूरा श्रेय मिले और एक बार फिर से वह सीएम बन सकें।