जानिए, उस साधारण शिक्षक के बारे में जो महज आठ साल में बना अरबपति
आपने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि दो लाख रुपए लगाकर कोचिंग क्लास शुरू करने वाला कोई शख्स हजारों करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर सकता है। यह मुमकिन कर दिखाया है केरल के रहने वाले एक शख्स ने। जीहां हम बात कर रहे हैं केरल के कन्नूर जिले के रहने वाली रविंद्रन के बारे में, जो हाल ही में भारत के अरबपतियों के क्लब में शामिल हुए हैं।
बुलंद हौसले और कुछ कर जाने की तमन्ना इनसान को फर्श से अर्श तक पहुंचा देती है। जब हौसले बुलंद हों, तो कामयाबी कदम चुमती है और हौसले बुलंद हों,तो मंजिल भी दूर नहीं होती। ऐसा ही कर दिखाया है एक साधारण शिक्षक ने। महज आठ साल पहले जो एक स्कूल का शिक्षक था, बच्चों को पढ़ाता था, महज कुछ हजार रूपये जिसकी सैलरी थी, वह आज अरबपती बन गया है।
जी हां, हम बात कर रहे हैं क्लास टीचर बनकर अपने करियर की शुरुआत करने वाले बायजू रवींद्रन का। यह नाम अब भारत में किसी पहचान का मोहताज नहीं रहा है। बायजू अपने खास एजुकेशन ऐप के जरिए दिन पर दिन नई आसमान की ऊँचाइयां छूते जा रहे हैं। बायजू रवींद्रन का नाम एक और खास क्लब में शामिल हो गया है। वे भारत के नए अरबपति बन गए हैं। पिछले सात सालों में उनकी संपत्ति 6 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुकी है।
बायजू रवींद्रन इस खास क्लब में उस वक्त शामिल हो गए जब उनकी कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड ने इस महीने 150 मिलियन डॉलर की कमाई की है। कंपनी के नए बायजू ऐप ने वाल्ट डिज्नी के साथ साल 2020 तक के लिए डील की है। बायजू रवींद्रन ने कहा था कि वे भारतीय शिक्षा में ऐसा काम करना चाहते हैं, जैसा डिज्नी ने मनोरंजन के क्षेत्र में काम किया है।
कन्नूर के एक छोटे से गांव के हैं रवींद्रन
कन्नूर के अझीकोड गांव के रविंद्रन ने दोस्तों के कहने पर सालों पहले 2 लाख रुपए की लागत से कोचिंग क्लास की शुरुआत की। इसी दौरान उन्हें ज्यादा से ज्यादा लोगों को एजुकेशन प्रोवाइड कराने के लिए ऑनलाइन कोचिंग क्लास चलाने का आईडिया आया। 2011 में रविंद्रन ने बायजू नाम से अपना स्टार्टअप शुरू किया। धीरे-धीरे उनका यह स्टार्टअप काफी लोकप्रिय हो गया और लोगों ने इसमें निवेश करना शुरू कर दिया।
फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग का मिला साथ
2016 में फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चान की संस्था 'चान जुकरबर्ग इनिशिएटिव' और चार वेंचर कैपीटल पाटनर्स ने बायजू में 5 करोड़ डॉलर (तब 330 करोड़ रुपए) का निवेश किया था। हाल ही में बायजू को 150 मिलियन डॉलर यानी करीब 1 हजार करोड़ रुपए का निवेश मिला है। इस निवेश के साथ बायजू की वैल्यू 7 साल में बढ़कर 5.7 बिलियन डॉलर यानी करीब 3924 करोड़ रुपए की हो गई है। बायजू में रविंद्रन की हिस्सेदारी करीब 21 फीसदी है। आज बायजू देश का सबसे बड़ा ऑनलाइन एजुकेशन कंटेट उपलब्ध कराने वाला प्लेटफॉर्म बन गया है।
2015 में बनाया बायजूस द लर्निंग ऐप
वायजू रवींद्रन ने साल 2015 में अपना फ्लैगशिप प्रोडक्ट बायजूस द लर्निंग एप लॉन्च किया। यह उनके लिए गेमचेंजर साबित हुआ। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच उनका यह एप भी लोकप्रिय होता गया। कंपनी ऑनलाइल कंटेंट उपलब्ध करवाती है। कुछ कंटेंट तो मुफ्त में हैं, लेकिन एडवांस लेवल के लिए फीस देनी होती है। बायजू शून्य से शुरुआत करके एक बड़ा कॉरपोरेट खड़ा करने की दिलचस्प मिशाल है। आधुनिक तौर-तरीकों के शिक्षक बायजू रविंद्रन ने अपने हुनर से न केवल दुनियाभर के करोड़ों छात्र-छात्राओं की मदद की, बल्कि इसी के जरिए कारोबार की दुनिया में एक नया मुकाम भी हासिल किया है।
2009 से की थी शुरुआत
बायजू रवींद्रन ने एक छोटे निवेश से कोचिंग क्लास शुरू की थी। वे दूसरे शहर जाकर भी कोचिंग क्लास लेते थे। बाद में उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ही जगह रहकर सभी छात्रों तक पहुंचा जाए। उन्होंने 2009 में कैट (सीएटी) के लिए ऑनलाइन वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया।
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