डूब गया एक और सितारा, बॉलीवुड में शोक की लहर

प्रख्यात लेखक, अभिनेता, नाटककार, फिल्मकार और फिल्म निर्देशक गिरीश कर्नाड अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने हमें अलविदा कह गए। 81 साल की उम्र में उन्होंने बैंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांसे ली। कर्नार्ड लंबे समय से बीमार चल रहे थे।

डूब गया एक और सितारा, बॉलीवुड में शोक की लहर
Pic Of Late Girish Karnard

प्रख्यात लेखक, अभिनेता, नाटककार, फिल्मकार और फिल्म निर्देशक गिरीश कर्नाड अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने हमें अलविदा कह गए। 81 साल की उम्र में उन्होंने बैंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांसे ली। कर्नार्ड लंबे समय से बीमार चल रहे थे। शरीर के कई अंगों के काम नहीं करने की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। गिरीश कर्नार्ड के निधन से पूरा बॉलीवुड सदमे में है।

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने जताया दुःख

गिरीश कर्नार्ड के निधन से पूरा कला जगत शोक में है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया है। राष्ट्रपति ने कहा कि कर्नाड के निधन से भारत का सांस्कृतिक जगत सूना हो गया है। उन्होंने ट्वीट किया कि लेखक, अभिनेता और भारतीय रंगमंच के सशक्त हस्ताक्षर गिरीश कर्नाड के देहावसान के बारे में जानकर दुख हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुःख जताते हुए कहा कि गिरीश कर्नाड हरेक माध्यमों में अपनी बहुमुखी अभिनय के लिए याद किए जाते रहेंगे। आने वाले सालों में उनके काम की लोकप्रियता बनी रहेगी। उनके निधन से दुखी हूं। 

ज्ञानपीठ, पद्मश्री और पद्मभूषण भी मिला

1998 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजे जाने वाले गिरीश कर्नाड पद्मश्री और पद्मभूषण से भी सम्मानित हो चुके हैं। महान साहित्यकार और नाटककार गिरीश कर्नाड द्वारा रचित हयवदन, तुगलक,तलेदंड, नागमंडल और ययाति जैसे नाटक बहुत लोकप्रिय हुए हैं। इन नाटकों का कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद और मंचन होता आ रहा है। नाट्यकला के क्षेत्र में इब्राहीम अलकाजी, अरविंद गौड़ और प्रसन्ना जैसे बड़े निर्देशक इनके नाटकों का शानदार निर्देशन कर चुके हैं।

इन पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित

1972: संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार
1974: पद्मश्री
1992: पद्मभूषण 
1992: कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार
1994: साहित्य अकादमी पुरस्कार
1998: ज्ञानपीठ पुरस्कार
2018: अमर उजाला 'आकाशदीप' सम्मान

इसके अलावा गिरीश कर्नाड को कालीदास सम्मान, टाटा लिटरेचर लाइव लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और सिनेमा के क्षेत्र में भी ढेर सारे पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।

महाराष्ट्र के माथेरन में हुआ जन्म

गिरीश कर्नाड का जन्म 19 मई 1938 को माथेरान महाराष्ट्र में हुआ था। एक कोंकणी भाषी परिवार में जन्में कर्नाड ने 1958 में धारवाड़ स्थित कर्नाटक विश्वविद्यालय से स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद वे एक स्कॉलर के रूप में इंग्लैंड चले गए, जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिंकॉन तथा मॅगडेलन महाविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। शिकागो विश्वविद्यालय के फुलब्राइट महाविद्यालय में कर्नाड विजिटिंग प्रोफेसर भी रहे। इसके बाद वह लेखन, नाटक और फिल्म के क्षेत्र में आ गए।