विचार

काबुल में अराजकता 

अमेरिका और पाकिस्तान, दोनों को यह गलतफहमी है कि तालिबान का राज होने पर अफगानिस्तान में शांति हो जाएगी। उनके सत्तारुढ़ होने पर उनकी...

भीड़ की हिंसाः सरकारें ज़रा जागें

भारत- जैसे उदार और लोकतांत्रिक देश में गाय के नाम पर किसी की हत्या हो जाए और किसी मुसलमान या ईसाई को मार-मारकर ‘जयश्रीराम’ बुलवाया...

कश्मीरः भारत-पाक अपना ढोंग खत्म करें

डर उन्हें होना चाहिए, जो हिंसा करते हैं, आतंक फैलाते हैं। ये आतंकवादी किसे मारते हैं? वे ज्यादातर बेकसूर कश्मीरियों की हत्या करते...

इमरान पर भरोसा क्यों न करें ?

अंतरराष्ट्रीय वित्तीय टास्क फोर्स अक्तूबर में पाकिस्तान को काली सूची में डालनेवाली है। क्या वह रहम नहीं खाएगी ? इसके अलावा अमेरिकी...

कानून बनाने में जल्दबाजी क्यों ?

सत्तारुढ़ दल के पास स्पष्ट बहुमत है, इसका अर्थ यह नहीं कि विपक्ष की परवाह ही, न की जाए। विपक्ष के अनुभवी और योग्य सांसदों की राय का...

... तो आ जाओ

दलबदल का मकसद कहीं गहरा है। ''तो आ जाओ" के होर्डिंग लगाकर जो बैठे हैं, वे दरअसल भारत में संसदीय जनतंत्र को समाप्त करना चाहते हैं।...

राजनीति तो वेश्या है: भर्तृहरि

कर्नाटक में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा हुई है। कर्नाटक में पहले उन पार्टियों ने हाथ से हाथ मिलाकर सरकार बनाई, जो चुनाव में एक-दूसरे पर...

कश्मीरः ट्रंप की मध्यस्थता ?

जहां तक ट्रंप का सवाल है, उन्हें अमेरिकी अखबारों ने ‘झूठों के सरदार’ की उपाधि दे रखी है। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के मुताबिक ट्रंप एक दिन...